
राजस्थान पथ परिवहन निगम की बसों में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग आवाजाही करते हैं। लेकिन पिछले कई वर्षो से रोडवेज बसों की खरीद नहीं होने के कारण स्थिति खराब हो गई है। स्थिति यह है कि वर्तमान में 31 बसों में से सिर्फ 28 बसें संचालित हो रही है। बसें काफी पुरानी होने के कारण बसों का ब्रेक डाउन होना आमबात हो गई है। बसों के अभाव में कई रूटों पर बसों को बंद कर दिया गया है। ऐसे में अब यदि जल्द ही नई बसें नहीं मिलने की स्थिति में डीपों का संचालन मुश्किल हो जाएगा। हालांकि रोडवेज प्रबंधन के अनुसार जून माह के अंत तक राजसमंद डीपो को 15 बसें मिलने की उम्मीद है। बसों की कमी के कारण यात्रियों को भी परेशानी होती है। उल्लेखनीय है कि बसों की कमी के कारण वर्तमान में सिर्फ 12 से 13 हजार किलोमीटर बसें चल रही है, जबकि पहले यह 20 हजार किमी से अधिक संचालित होती थी।
रोडवेज प्रबंधन के अनुसार 17 बसें 2017 मॉडल, 2 बसें 2020 मॉडल, 12 बसें 2013 मॉडल की है। वहीं 2013 की 3 मिनी बसें कंडम हो चुकी है। आठ साल या आठ लाख किलोमीटर चली बसों को कंडम मानकर उन्हें ऑफ रूट कर दिया जाता है। ऐसे में राजसमंद डिपो की अधिकांश बसें कंडम हो गई है। राजसमंद डीपो में कई बसें 12 से 13 लाख किलोमीटर चल चुकी है। नई बसें मिलने पर ही राहत की उम्मीद है।
रोडवेज के जानकारों के अनुसार लोकसभा चुनाव के चलते राजसमंद पुलिस लाइन के जाप्ते को झुंझुंनूं और सीकर भेजा गया है। पुलिस के जवानों को भेजने के लिए 11 बसों की आवश्यकता थी। डीपों में मात्र 28 बसें हैं, ऐसे बढ़ी मुश्किल से यह व्यवस्था की गई है। हालांकि रोडवेज बसों में पुलिसकर्मियों को छोडकऱ ही आना था, बसों की कमी के कारण यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
वर्तमान में 28 बसें रूट पर संचालित है। अधिकांश बसें कंडम होने के कगार पर है। आचार संहिता हटने के बाद जून के अंत तक 15 बसें मिलने की उम्मीद है।
Updated on:
19 Apr 2024 11:55 am
Published on:
19 Apr 2024 11:54 am
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