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नामकरण पर पार्षदों ने जताई आपत्ति, दोनों सब्जी मण्डी का उद्घाटन आज शाम को

राजसमंद झील ऐतिहासिक धरोहर

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नामकरण पर पार्षदों ने जताई आपत्ति, दोनों सब्जी मण्डी का उद्घाटन आज शाम को

राजसमंद. नगर परिषद की ओर से नवनिर्मित कांकरोली व राजनगर सब्जी मण्डी भवनों के उद्घाटन का समय परिवर्तित हो गया है। अब शाम छह बजे राजनगर सब्जी मण्डी तथा साढ़े छह बजे कांकरोली सब्जी मण्डी का उद्घाटन किया जाएगा। सभापति सुरेश पालीवाल ने बताया कि इस मौके पर द्वारकाधीश मंदिर के पीठाधीश्वर ब्रजेश कुमार, नगरीय विकास व स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचन्द कृपलानी, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी तथा सांसद हरिओम सिंह राठौड़ बतौर अतिथि उपस्थित रहेंगे।

पार्षदों की आपत्ति
करोड़ों की लागत से बनी नवनिर्मित कांकरोली व राजनगर सब्जी मण्डी के नामकरण को लेकर विपक्ष के पार्षदों ने कड़ी आपत्ती जताई है। विपक्षी पार्षदों ने गुरुवार को कलक्टर आनंदी को ज्ञापन सौंपकर बताया कि नगर परिषद ने बिना किसी बोर्ड बैठक के राजनगर सब्जी मण्डी का नामकरण पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से कर दिया। उन्होंने इस नाम पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि शहर की राजसमंद झील ऐतिहासिक धरोहर है। ऐसे में राजसमंद संस्थापक महाराणा राजसिंह के नाम से सब्जी मण्डियों का नाम रखा जाना उचित होगा। इस दौरान वार्ड प्रतिपक्ष नेता अशोक टांक, राजकुमारी पालीवाल, रेखा गाडरी, सुनीता रजक, हेमंत गुर्जर, ब्रजेश पालीवाल, रवि गर्ग, नारायणलाल सुथार, नंदकिशोर कुमावत, भुरालाल कुमावत आदि मौजूद थे।

बाल सम्प्रेषण गृह का न्यायिक अधिकारी ने किया निरीक्षण
राजसमंद. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव नरेन्द्र कुमार ने गुरुवार को बाल गृह एवं बाल संप्रेषण गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान बालकों के बाल बढ़े हुए थे तथा पहने हुए कपड़े गंदे पाए गए। बालगृह में बालकों के बढ़े हुए बालों की कटिंग मौके पर ही करवाई गई। बेडशीट पुरानी होकर फट चुकी थी, जिन्हें बदलने के लिए निर्देशित किया गया। उन्होंने बालकों के वयस्क होने पर मिलने वाले अधिकारों की जानकारी दी। बालकों भोजन में लॉकी की सब्जी, दाल, चावल व चपाती तैयार की जा चुकी थी। भोजन व्यवस्था संतोषजनक मिली। उनके साथ अतिरिक्त किशोर न्याय बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट लेखपाल शर्मा, सदस्य नीलम शर्मा, बाल कल्याण समिति अध्यक्षा भावना पालीवाल, बाल गृह के कार्मिक एवं पैरालीगल वॉलंटियर गोपाल साहू एवं कन्हैयालाल मेवाड़ा उपस्थित थे। बालगृह में कुल 4 बालक निवासरत थे, जिनमें से 2 छह वर्ष से कम आयु के होने से उन्हें राजकीय शिशुगृह में रखे जाने के लिए निर्देशित किया।