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वक्र गति से शनि का मकर राशि में प्रवेश

- मकर राशि में शनि का दुबारा हुआ प्रवेश, मिथुन, तुला राशियों में ढैय्या और धनु राशि में पुन साढ़े साती

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वक्र गति से शनि का मकर राशि में प्रवेश

वक्र गति से शनि का मकर राशि में प्रवेश

कुंवारिया. न्याय के देवता शनि 12 जुलाई को वक्र गति से पुन: मकर राशि में प्रवेश करेंगे। आगामी 6 माह तक मकर राशि में प्रवास करने से विभिन्न न्यायिक सामाजिक सामरिक राजनीतिक क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रतिफल प्रदान करेंगे।
ज्योतिर्विद भरत कुमार खण्डेलवाल ने बताया कि शनिदेव का प्रथम चरण 24 जनवरी 2020 से 30 अप्रेल 2022 तक मकर राशि में रहा तथा दूसरा चरण 12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहेगा। इस प्रकार शनि देव 2 वर्ष 9 माह 11 दिन तक मकर राशि में रहेंगे। विगत सवा दो वर्ष के शेष रहे कार्य इन छह मास में पूरे होंगे। इन छह मास में शनि देव की प्रबलता एवं प्रभाव विशेष रहेगा। शनि का मकर राशि में रहना तकनीकी संचार उद्योग मशीनरी उत्पादन आवागमन यातायात के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन होंगे। विश्व शांति की सुदृढ़ स्थितियां बनेगी। कार्यपालिका सशक्त व सुदृढ़ होगी।
शनि की वक्रगति
ज्योतिर्विद खण्डेलवाल ने बताया कि 5 मई 2022 से शनि की वक्रगति होने से 12 जुलाई 2022 का अपनी पिछली राशि मकर में प्रवेश करेंगे। जहां पर 23 अक्टूबर 2022 को मार्गी होंगे तथा यहां पर 17 जनवरी 2023 तक निवास करेंगे। वक्र गति के दौरान शनि की प्रबलता व प्रभाव चौगुना हो जाता है।
बारह राशियों पर कुछ इस प्रकार से रहेगा प्रभाव
- मेष राशि
दसवां शनि सफलता का कारक होवे। पद पदोन्नति एवं वृत्तिका का विस्तार होवे। एक से बढ़कर एक कार्य निस्तारण होवे। परिश्रम का पूर्ण प्रतिफल प्राप्त होगा। शनि स्त्रोत का पाठ करें। गुड़, मिठाई का दान करें।
- वृषभ राशि
नोवां शनि भाग्यवर्धक होवे। एक से बढ़कर एक ही योजनाओं लक्ष्यों की क्रियान्विति होगी। भाग्य में वृद्धि, शुभ एवं मांगलिक कार्य होंगे। आय,कोष में वृद्धि। हनुमान जी की आराधना करें।
-मिथुन राशि
अष्टम शनि असावधानीवश दुर्घटना, व्यर्थ चिंता, चिड़चिड़ापन रहे। आर्थिक उठापटक, कुविचार, आशंकाएं, अकारण विवाद, खर्च, भूमि भवन में नियोजन एवं क्रणग्रस्तता बने। पदवेश छाता भोजन दान करें।
-कर्क राशि
सप्तम शनि पारिवारिक क्लेश का कारक बने। साझेदारी में विवाद रोजगार में बाधाएं। मानसिक परेशानियां रहे। आय लाभ के अवसरों में वंचना रहे। देवी उपासना करें। संध्याकाल में दीपदान करें।
- सिंह राशि
छठा शनि सर्वत्र मंगलकारी होवे। प्रतियोगिताओं में सफलता, विवादों में विजय, कार्य निस्तारण, कारोबार में वृद्धि, आर्थिक पक्ष कोष में समृद्धि बढेंगी। शिवाअर्चना करें व वस्त्र दान करें।
- कन्या राशि
पंचम शनि आकस्मिक आय, लाभ, ऐश्वर्य का दाता होवे। पारिवारिक सुख एवं सौहार्द का वातावरण बने। संतति पक्ष से सुख और सहयोग प्राप्त होगा। पुस्तक माला मिठाई का दान करें।
-तुला राशि
चौथा शनि खर्च एवं नुकसानकारी रहे। उन्नति-प्रगति के मार्ग में बाधाएं रहे। आर्थिक पक्ष में रुकावटें, खर्च, चोट, भय, चिंता रहे। नियोजन करें। ऋणग्रस्त होवें। शिवार्चन करें। भोजन वस्त्र दान करें।
- वृश्चिक राशि
तीसरा शनि सुख-शांति समृद्धिकारी होवे। कार्यशैली गुणवत्ता श्रम-शक्ति, आकस्मिक आय में वृद्धि हो। समस्याओं कार्यों का निस्तारण हो। श्री विष्णु आराधना करें, फल दान करें।
- धनु राशि
दूसरा शनि साढ़ेसाती की अंतिम ढैया भ्रमण एवं खर्चकारी रहे। भवन भूमि वाहन के विस्तार के योग बने। निकटजनों में ईष्र्या द्वेष बड़े। आशातीत सफलताएं प्राप्त हो। गुड़-चावल दान करें।
- मकर राशि
अपनी ही राशि में शनि आने से संघर्षकारी समय रहे। स्वजनों से मनमुटाव अति विश्वास का समय नहीं है। ईष्टमित्रों से चुनौतियां विरोध उलझन रहे। हनुमान आराधना करें। कीड़ी दाना देवें।
- कुंभ राशि
बारहवां शनि साढ़ेसाती का शुभारंभ भारी व कष्टप्रद रहे। आर्थिक उठापटक व्यवसाय में हानि, बदलाव, उलझन रहे। पेशियों में शिथिलता, कार्य दक्षता में कमी। मकान भूमि क्रय करें, ऋणग्रस्त हों। शनि जप एवं दान-पुण्य, रुद्राभिषेक कराएं।
- मीन राशि
ग्यारहवां शनि सर्वमनोकामना की पूर्ति का कारक हो। उत्तम स्थलों का भ्रमण आमोद-प्रमोद विभिन्न शुभ एवं मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। आय के स्रोतों में वृद्धि, कोष व कद बढ़े। वस्त्र व फलों का दान करें।