
सेमा बनेगा मॉडल विलेज, सेटेलाइट तकनीक से नक्शा तैयार
गिरीश पालीवाल
खमनोर. ब्लॉक के सेमा गांव को सेटेलाइट तकनीक अपनाकर मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। गांव का जीआईएस (ज्योग्राफिकल इन्फोरमेशन सिस्टम) आधारित रंगीन मास्टर प्लान बन चुका है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की योजना महात्मा गांधी आदर्श ग्राम के तहत सेमा का वर्ष 2019 में चयन हुआ था। सेटेलाइट तकनीक की मदद से तैयार हाई रेजुलेशन इमेज पर विकास का खाका तैयार वाला ये प्रदेश का पहला गांव होगा।
सेमा गांव का मॉडल विलेज के तौर पर विकास के लिए चयन होने पर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निमिषा गुप्ता ने मॉनिटरिंग भी शुरू कर दी है। महात्मा गांधी आदर्श ग्राम योजना के तहत 17 सूत्रीय एजेंडे के तहत पांच वर्षों में कई कार्य होंगे। गुप्ता ने जिला व पंचायत स्तर पर कई बैठकें लेकर अधिकारियों और कार्मिकों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने गांव के सरपंच संदीप श्रीमाली व ग्राम विकास अधिकारी गिरधारीसिंह राव से भी अगले कुछ दशकों की स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर विकास पर चर्चा की है। मॉडल विलेज मास्टर प्लान के लिए सेटेलाइट नक्शा तैयार किया, जिसमें स्थापित एवं प्रस्तावित विकास कार्यों को कई प्रकार से वर्गीकृत किया है। नक्शे में सड़क, आधुनिक तालाब, उद्यान, पिकनिक स्थल, पौधारोपण, एलोवेरा उत्पादन, सरकारी भवन एवं क्वार्टर, कॉलेज, राजीविका केंद्र, आबादी विस्तार, सामुदायिक शौचालय, कृषि मंडी, गौरव पथ, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, जिम व इंडोर स्टेडियम, ट्रैकिंग व खेल मैदान, नाड़ी विकास जल संग्रहण, स्वास्थ्य केंद्र, महात्मा गांधी वाचनालय आदि के सिम्बोल दिखाए गए हैं। सेटेलाइट से तैयार नक्शे के हूबहू गांव को विकास का मॉडल बनाए जाने की बात की जा रही है।
ऐसे बना जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान
मास्टर प्लान बनाने के लिए जीआईएस विशेषज्ञों ने राजस्व रिकार्ड की खसरा व नजरी नक्शा की सॉफ्ट कॉपी ली। वर्तमान सुविधाओं व प्रस्तावित कार्यों को दिशासूचक चिन्हों के तौर पर अंकित किया। इसके बाद 0.25 मीटर रेजुलेशन की सेटेलाइट इमेज डाउनलोड की। सीमाओं का भौतिक सत्यापन कर डीजीपीएस प्वाइंट बनाए। डीजीपीएस प्वाइंट की इमेज को जीओरिफ्रेंस किया, ताकि गांव का वास्तविक कुल क्षेत्रफल ज्ञात किया जा सके। जीओरिफ्रेंस इमेज को डिजिटलाइज किया, जिसमें खेत, कुएं, सड़क, नदी-नाले, आबादी, मंदिर आदि दर्शाए गए। खसरा मैप को आधार मानते हुए सेटेलाइट इमेज पर जमाबंदी के अनुसार भू-वर्गीकरण कर नक्शे में दर्ज किया। जीपीएस सर्वे के जरिये मौजूदा सुविधाओं को भी सेटेलाइट इमेज पर दिखाया।
सेटेलाइट डेटा पहुंचाएगा सही लोकेशन पर
सेमा का विलेज मास्टर प्लान बनाने के लिए पंचायत ने कोरम की बैठकें व ग्रामसभाएं हुईं। गांव की मौजूदा स्थिति एवं अगले 30 सालों में विकास की जरूरत के आयामों को कहां और कैसे स्थापित किया जाए, इसके लिए प्रस्तावित स्थानों का नक्शे पर निर्धारण किया। सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी ने सेटेलाइट डेटा की गांव के हर हिस्से की भौतिक जानकारी के आधार पर बाकायदा पुष्टि की। इसके बाद गांव में भूमि की उपलब्धता के अनुसार प्रस्तावित सुविधाओं को नक्शे में उतारा। बताया जा रहा है कि सेटेलाइट तकनीक से तैयार नक्शा ग्रामीणों के लिए इतना सुविधाजनक साबित होगा कि लोग मोबाइल एप के जरिये एकदम सटीक लोकेशन तक पहुंच सकेंगे।
अब नक्शा ही डेवलपमेन्ट प्लान होगा
सेमा को मॉडल ग्राम के तौर पर विकसित किया जा सके, इसलिए सेटेलाइट तकनीक से जीआईएस बेस्ड नक्शा तैयार कराने का कार्य किया है। गांव का नक्शा ही अब आगामी दशकों का एक आइडियल विलेज का डेवलपमेंट प्लान होगा।
- निमिषा गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद राजसमंद
Published on:
28 Aug 2020 08:39 am
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