मंगलवार को जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने राजसमंद झील की इरिगेशन पाल पर पहुंचकर सफाई अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा, उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता, नगर परिषद आयुक्त दुर्गेश रावल, अधिशाषी अभियंता तरुण बाहेती, पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कलक्टर ने स्वयं हाथों में झाड़ू लेकर यहां पार्क में सफाई की, साथ ही कटर से ग्रास कटिंग भी की। इसके साथ ही जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा ने भी सफाई की। कलक्टर और सीईओ ने प्लास्टिक इकट्ठा कर उन्हें बोतलों में भरा। पार्क का कोई कोना नहीं छोड़ा जहां सफाई न हो। पुराने पड़े लिगसी वेस्ट को भी साफ किया हुआ। कलक्टर ने झूलों की मरम्मत करने के भी निर्देश दिए। पार्क में मौजूद लोगों ने इस विशेष सफाई अभियान की सराहना की और कहा कि यह पहल स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
हर गांव में जगी स्वच्छता की अलख
इसी तरह सभी 213 ग्राम पंचायतों में यह अभियान शुरू हुआ, हर गांव में लोग सफाई करते हुए दिखाई पड़े, हर वर्ग ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। पूरे जिले में विभिन्न स्थलों जैसे कॉलोनियों, गलियों, मुख्य सड़कों, गांवों-नगरों के प्रवेश द्वार आदि पर सफाई अभियान चलाया गया। इस दौरान पुराने लिगसी वेस्ट को भी हटाने की पहल की गई। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी उपखंड अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था, जिन्होंने अपने क्षेत्रों में अभियान की सख्त मॉनिटरिंग की। समस्त 213 ग्राम पंचायतों ने इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें पूर्व में ही ऑटो टिपर सहित अन्य संसाधन जुटा लेने के निर्देश दिए गए थे।
स्वच्छता जीवन का अभिन्न अंग :कलक्टर
कलक्टर असावा ने भी अभियान के दौरान जनप्रतिनिधियों और समाज के हर वर्ग से सहयोग की अपील की थी, जिसे आमजन ने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया। इस जनांदोलन में व्यापक जनभागीदारी देखने को मिली और सभी ने स्वच्छता को नियमित आदत के रूप में अपनाने की प्रतिबद्धता दिखाई। प्रशासन द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया कि सफाई अभियान को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और भविष्य में भी इसे जारी रखने की ठोस कार्य योजना बनाई जाए। कलक्टर असावा ने इस अभियान की सफलता के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वच्छता का यह प्रयास तभी सार्थक है जब समाज के हर वर्ग का सहयोग और समर्थन प्राप्त हो। कलक्टर ने कहा है कि स्वच्छता केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज का अभिन्न हिस्सा बनना चाहिए।