
नाथद्वारा. कुंभलगढ़ की सीमा व करधर बावजी की कंदराओं से भटका एक भालू बुधवार देर रात को उपखंड के बड़ा भाणुजा पंचायत की एक छोटी आबादी में पहुंच गया। भालू बस्ती के एक मंदिर में घुस गया। लोगों ने देखा तो वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद वनकर्मियों ने देर रात भालू को रेस्क्यू कर लिया। बड़ा भाणुजा के राती तलाई बस्ती स्थित भैरूजी के मंदिर में बुधवार शाम को भालू घुस गया। भालू दरअसल करधर बावजी मंदिर के आसपास पहाडिय़ों और घने जंगल से भटकता हुआ वहां पहुंच गया था। शाम करीब 6 बजे मंदिर में एक श्रद्धालु संध्या दीपक करने पहुंचा। वह जैसे ही मंदिर परिसर का द्वार खोलने लगा, उसमें पहले से बंद भालू तेज गुर्राया। श्रद्धालु मंदिर में अप्रत्याशित तरीके से मौजूद भालू को देखकर सहम गया। उसने बस्ती के लोगों को फोन कर मंदिर में भालू होने की जानकारी दी। थोड़ी ही देर में कई लोग मंदिर के बाहर एकत्र हो गए। लोगों को देखकर भालू और अधिक आक्रामक हो रहा था। उसकी गुर्राहट से खौफजदा लोगों में से किसी की मंदिर का द्वार खोलने की हिम्मत नहीं हुई। लोगों ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी। सूचना पर देर रात नाथद्वारा व राजसमंद से विभाग के अधिकारी व रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। टीम ने मंदिर में टॉर्च की मदद से भालू पर नजर बनाए रखी और ट्रेंकुलाइज किया। उसके बाद टीम ने मंदिर का दरवाजा खोला और अंदर पहुंची। बेहोशी से निढाल हुए भालू को उठाकर पिंजरे में बंद कर दिया और गश्ती दल के वाहन में रखकर अपने साथ ले गई। होश आने पर उसे फिर से जंगल में छोड़ दिया गया। रेस्क्यू के दौरान वन अधिकारी देवेंद्र कुमार पुरोहित, सत्यानंद गरासिया, अशोक कुमार, अर्जुनसिंह, तुलसीराम कुमावत, सुरेंद्रसिंह, लच्छीराम, राजवीरसिंह, चंदनसिंह, अर्जुनसिंह व नंदलाल गमेती सहित ग्रामीण मौजूद थे।
भालू के मंदिर में आ जाने के बारे में वनकर्मियों ने बताया कि भालू जंगल से होता हुआ बस्ती में मंदिर के पास पहुंच गया। भालू बिना छत के 5-6 फीट ऊंची दीवारों से बने मंदिर के परकोटे पर चढ़ गया। इसके बाद वह दीवार से मंदिर के अंदर की ओर कूद तो गया, लेकिन चढकऱ वापस बाहर नहीं निकल पाया। लोगों ने बताया कि भालू ने कैद हो जाने के गुस्से और खुन्नस में मंदिर में रखी सेवा-पूजा व श्रृंगार की सामग्री बिखेर दी और चीजों की तोडफ़ोड़ की।
Published on:
17 Jan 2025 10:42 am
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