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प्रदेश की यह झील छह साल बाद फिर से छलकने को तैयार…देखें वीडियो

- लगातार 13 दिन ऐसी ही आवक जारी रही तो छलक सकती है झील, झील 92 प्रतिशत से अधिक भरी, अब 260 एमसीएफटी पानी की और आवश्यकता, खारी फीडर और गोमती से प्रतिदिन करीब 20 एमसीएफटी पानी की आवक जारी

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प्रदेश की यह झील छह साल बाद फिर से छलकने को तैयार...देखें वीडियो

राजसमंद झील में बढ़ता जलस्तर।

राजसमंद. राजसमंद झील को भरने वाली गोमती नदी और खारी फीडर से लगातार पानी की आवक जारी है। यह आवक लगातार आगामी 15 दिनों तक बनी रहती है तो राजसमंद झील के छलकने की पूर्ण संभावना है। वर्तमान में राजसमंद झील का गेज 28.70 फीट से अधिक हो गया है। ऐसे में अब झील को छलकने के लिए 260 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता है।
नाथद्वारा में बने बाघेरी का नाका बांध के छलकने पर यह पानी नंदसमंद पहुंचता है। नंदसमंद से खारी फीडर के माध्यम से राजसमंद झील तक पहुंचता है। राजसमंद झील से शहरी क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जाती है। जिले में में बिरपजॉय के तहत हुई बारिश से गोमती नदी के चलने से अच्छी आवक हुई थी। इससे पहले झील का जलस्तर मात्र 4.50 फीट रह गया था। गोमती नदी के लगातार चलने से झील में पानी की आवक बनी हुई है। हालांकि अब गोमती नदी का गेज 3 इंच के करीब रह गया है। खारी फीडर से लगातार पानी की आवक बनी हुई है। ऐसे में आगामी 15 दिनों तक गोमती नदी और खारी फीडर से पानी की आवक बनी रहती है तो झील के छलकने से इंकार नहीं किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि झील इससे पहले 2017 झील छलकी थी।

एक एमसीएफटी से भी कम होती है पानी की सप्लाई
राजसमंद झील से शहरी क्षेत्र में पानी की सप्लाई की जाती है। जलदाय विभाग के जानकारों के अनुसार जलदाय विभाग की ओर से प्रतिदिन 16-17 एमएलडी पानी की सप्लाई की जाती है। भाणा में बनी टंकियों को झील के पानी से भरा जाता है। इसकी क्षमता भी 4-5 लाख लीटर के करीब है। ऐसे में प्रतिदिन एक एमसीएफटी से भी कम पानी की सप्लाई होती है। इसके साथ ही वाष्पीकरण एवं अन्य कारणों से भी पानी कम होता है।