
राजसमंद. राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र के पास स्थित गांवों को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल करने के आदेश पर ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया है। गुरुवार को पांच से छह गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने राजसमंद पहुंचकर जिला कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले के बारे में ग्रामीणों से राय नहीं ली गई, और इसे बिना उचित विचार-विमर्श के लागू किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि राजस्व गांव एमडी और केरोट, ग्राम पंचायत एमडी को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किया गया है, जो 7 किलोमीटर दूर स्थित हैं। इससे उन्हें काफी असुविधा होगी। उनका कहना था कि इस फैसले के तहत पंचायत की योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा, और शहरी क्षेत्र में जुड़ने से उनकी समस्याएं और बढ़ेंगी।
ग्रामीणों का आरोप था कि यह परिसीमन गलत तरीके से किया गया है और प्रशासनिक अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव में यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में इन गांवों को शामिल करने से पहले ग्रामीणों या ग्राम पंचायत से कोई राय नहीं ली गई, जो पूरी तरह से गलत है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नगर परिषद की स्थिति पहले से ही खराब है। बजट की कमी और शहर के 45 वार्डों की हालत नाजुक है, जहां सही तरीके से व्यवस्थाएं नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में इन गांवों को नगर परिषद में शामिल करना और उनका विकास करना मुश्किल होगा।
ग्रामीणों ने नगर परिषद आयुक्त राजसमंद पर आरोप लगाया कि उन्होंने गलत नक्शे के आधार पर राज्य सरकार को गुमराह किया और ग्रामीणों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
यदि इन गांवों को नगर परिषद क्षेत्र से अलग नहीं किया जाता है, तो ग्रामीणों ने आगामी चुनावों में मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
Published on:
28 Feb 2025 11:09 am
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