
13 फरवरी को MP-MLA कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम और उनके पिता आजम खान को 2-2 साल की सजा सुनाई। इससे अब्दुल्ला की स्वार विधानसभा वाली विधायकी भी जा सकती है।
अब्दुल्ला पर केस क्या है?
साल 2008ः आजम खान और अब्दुल्ला आजम मुजफ्फरनगर के सपा नेता अमीर आलम खां के घर जा रहे थे। पुलिस मुरादाबाद के छजलैट में आजम की कार रुकवाकर तलाशी लेने लगी। पुलिस को जूती की नोक पर रखने के बयान देने वाले आजम खान हर्ट हो गए।
बेटे अब्दुल्ला आजम समेत उसी जगह पर धरने पर बैठ गए। सरकार तो माया की थी, लेकिन 2008 में आजम रामपुर के बेताज बादशाह थे। आजम के धरने पर बैठते ही जैसे आग लग गई हो। रामपुर छोड़िए आसपास जिलों से भी सपा कार्यकर्ता पहुंच गए। बवाल कट गया। लेकिन माया के जमाने का प्रशासन आपको याद होगा।
मुरादाबाद MP-MLA कोर्ट में चल रही थी सुनवाई
पुलिस ने आम जनता को उकसा कर सड़क जाम करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में गंभीर मुकदमे दर्ज किए। छजलैट के तब के थाना प्रभारी आसिफ अली ने 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। मुरादाबाद MP-MLA कोर्ट में इस केस की सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने आजम खान और विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को सजा सुनाया।
सात लोगों को कोर्ट ने बरी कर दिया
मुरादाबाद देहात विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को बरी कर दिया।
Updated on:
15 Feb 2023 08:08 am
Published on:
15 Feb 2023 07:40 am
बड़ी खबरें
View Allरामपुर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
