
आजम खान Image Source - 'X' @AbdullahAzamKhan
रामपुर की MP/ MLA कोर्ट ने सेना के जवानों पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में सपा नेता आजम खान को आठ साल बाद बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि आरोप साबित करने लायक ठोस साक्ष्य पेश नहीं किए जा सके। यह मामला 2017 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए बयान से जुड़ा था।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को 2017 के विवादित बयान मामले में बड़ी राहत मिली है। रामपुर की MP/ MLA कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त और भरोसेमंद साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। जिसके चलते आजम खान को संदेह का लाभ दिया गया।
यह मामला जून 2017 के विधानसभा चुनाव प्रचार से जुड़ा है। उस दौरान रामपुर में आयोजित एक रैली में आजम खान ने अपने भाषण में सेना को लेकर टिप्पणी की थी। जिसे विरोधी दलों ने आपत्तिजनक बताया था। आरोप था कि उन्होंने कहा था। “हथियारबंद औरतों ने फौज को मारा, जिस पर पूरे देश को शर्मिंदा होना चाहिए। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी।
घटना के बाद रामपुर के भाजपा नेता और वर्तमान में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जून 2017 को सिविल लाइंस थाने में FIR दर्ज कराई थी। पुलिस जांच और लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद मामला कोर्ट तक पहुंचा। लगभग आठ वर्षों तक चली सुनवाई के बाद अंततः अभियोजन पक्ष आरोपों को सिद्ध नहीं कर सका।
उधर, हाल ही में 17 नवंबर को रामपुर की एक अन्य अदालत ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी पैन कार्ड मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई थी। दोनों फिलहाल रामपुर जेल में बंद हैं। इससे पहले 23 सितंबर को आजम खान को सीतापुर जेल से जमानत मिलने के बाद रिहाई मिली थी।
आजम खान के खिलाफ रामपुर और अन्य जिलों में 100 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। जिनमें कई मामलों में सुनवाई जारी है। सेना पर दिए बयान वाले केस में बरी होने से आजम खान को बड़ी कानूनी राहत मिली है। हालांकि अन्य मामलों की चुनौतियां अभी बरकरार हैं।
Published on:
11 Dec 2025 03:44 pm
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