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जिनके पूर्वज तमंचे बेचते थे, वही आज विधायक! चुनाव, जेल, सुरक्षा और राजनीति पर बोले- मैं मुर्गी-चोर, बकरी-चोर…

Azam Khan News: आजम खान ने रामपुर के एक विधायक पर तीखा प्रहार किया। बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि जिनके पूर्वज रामपुर मेड पिस्टल बेचते थे, वही आज कई बार विधायक बन चुके हैं और केंद्र से Z सिक्योरिटी भी पा चुके हैं।

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azam khan bihar election jungle raj controversy

जिनके पूर्वज तमंचे बेचते थे, वही आज विधायक! Image Source - 'X' @AbdullahAzamKhan

Azam khan bihar election jungle raj controversy: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से 10 बार विधायक तथा दो बार सांसद रहे आजम खान ने बिहार राजनीति को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसी प्रदेश को जंगल या उसके लोगों को जंगल के बाशिंदे कहना लोकतंत्र और सभ्य समाज का गहरा अपमान है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर सत्ता में बैठे लोग 20 साल में जंगलराज को मंगलराज में नहीं बदल पाए, तो ये उनकी नाकामी है और अब चुनावी भाषणों में उसी जंगलराज की चर्चा होगी।

जिनके पूर्वज तमंचे बेचते थे… वही आज विधायक

एक मीडिया चैनल से बातचीत में आजम खान ने रामपुर के एक विधायक पर तीखा प्रहार किया। बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि जिनके पूर्वज रामपुर मेड पिस्टल बेचते थे और 1975 में ट्रेन में बक्से सहित तमंचों के साथ पकड़े गए, वही आज कई बार विधायक बन चुके हैं और केंद्र से Z सिक्योरिटी भी पा चुके हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसे लोगों की सफलता के सामने हम तो कुछ भी नहीं, हम उनसे भी गए-गुजरे हैं।

मैं मुर्गी-चोर, बकरी-चोर

इंटरव्यू में आजम खान ने बार-बार खुद को व्यंग्य में ‘मुर्गी चोर’, ‘बकरी चोर’, ‘किताब चोर’ और शराब की दुकान लूटने वाला कहकर वर्तमान राजनीति पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन पर इतने बचकाने और विरोधाभासी मामले लगाए गए कि अदालतें भी हैरान रह जाती हैं। उन्होंने कहा- “16,900 रुपये की शराब की दुकान लूट ली, ऐसा बताया गया।

मौजूदा सांसद पर तंज

आजम खान ने सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्ला नदवी पर नाराजगी के सवाल पर भी व्यंग्यात्मक लहजा अपनाया। उन्होंने कहा कि वे इमाम हैं और वह खुद चोर-उचक्का, ऐसे में उनका उनसे मुकाबला क्या। उन्होंने बताया कि नदवी ने उन्हें कैदी नहीं बल्कि सुधार गृह में रहने वाला कहा, यह उनकी बुजुर्गाना हैसियत का सबूत है।

सुरक्षा पर आजम का सवाल

Z सिक्योरिटी वापस करने पर उन्होंने कहा कि न तो उन्हें लिखित आदेश मिला, न ही किसी कॉन्स्टेबल या दरोगा का नाम दिया गया। उन्होंने कहा कि अखबारों और लोगों से सुनकर कैसे मान लिया जाए कि उन्हें सुरक्षा दी गई थी। हवा में मिली थी तो हवा में वापस कर दी, आजम ने कटाक्ष करते हुए कहा।

चुनावी प्रचार से दूरी की वजह

उन्होंने स्टार प्रचारक होने के बावजूद मैदान में न जाने पर कहा कि वे अकेले और निहत्थे जंगलराज में जाने से डरते हैं। उन्होंने जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर एक जज सुरक्षित नहीं, तो वे क्या चीज हैं।

50 साल की राजनीति में एक कोठरी भी नहीं बनी

उन्होंने बताया कि नेता प्रतिपक्ष होने के बाद भी उन्हें आवास नहीं मिला। एक बार गलती से मिला तो उसकी बाउंड्री दीवार ढाई फीट की थी और कमरे में शीशे की खिड़कियां थीं, जिससे वे पूरी रात जागते रहे। उन्होंने कहा- “लोग तो एक बार विधायक बनते हैं और कोठियां खड़ी हो जाती हैं, मैं लोग नहीं था, मैं सिर्फ एक शख्स था।

मुकदमों पर खुलकर बोले

उन्होंने कहा कि कई मुकदमों में उन पर ऐसे आरोप लगाए गए जिनका कोई तर्क नहीं था। एक केस में उन्हें 21 साल की सजा और 36 लाख का जुर्माना सुनाया गया। अपने बेटे अब्दुल्ला की जन्मतिथि विवाद पर उन्होंने कई दस्तावेज और वीडियो पेश किए, जिसे फोरेंसिक से भी प्रमाणित किया गया, पर निचली अदालत ने फैसले में उसका जिक्र तक नहीं किया।

निचली अदालतें दबाव में? सवाल पर बोले आजम

जब उनसे पूछा गया कि क्या निचली अदालतें दबाव में थीं, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा- “एक मुकदमा और कराएंगे मुझ पर?” इसके बाद उन्होंने चुप्पी साध ली।

जेल की यादें- दीवारें थीं, तन्हाई थी… मैं पांच साल अंदर रहा

उन्होंने कहा कि जेल में उनके पास बात करने के लिए सिर्फ दर-ओ-दीवार थे। छोटी सी कोठरी में वर्षों तक रहे। डेढ़ महीने बाहर आए, फिर दोबारा जेल भेज दिए गए। उन्होंने कहा- “पता नहीं कल क्या होने वाला है।”

बिहार के वोटरों से अपील

अंत में उन्होंने बिहार के मतदाताओं से अपील की कि वे अपने फैसलों से न सिर्फ खुद पर बल्कि देशभर के लोगों पर रहम करें। उन्होंने कहा कि जो लोग उनकी ही कतार के हैं उन्हें अल्लाह का वास्ता देकर कहना चाहता हूं- “हमें बरबाद न करें, हमें बख्श दें।”


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