वह 26 अगस्त 2020 से वह जेल में बंद हैं। इस बीच मुलाकात के बाद जेल के बाहर उन्होंने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम यहां उन लोगों से मिलने आए हैं, जो 20 दिन में हमारे साथ सबसे बड़े अपराधी हो गए। जिन्होंने हमारे साथ प्रताड़नाएं सही हैं। उनके सीने में सिवाए धड़कन के कुछ नहीं बचा है। हम आजाद हिंदुस्तान के बहुत कमजोर लोगों से मिले हैं। बोले इस छोटे से शहर में जो इतिहास लिखा गया है, हमारे अधिवक्ताओं खासकर कपिल सिब्बल, जिनकी एक तारीख की भी फीस देने की हमारी हैसियत नहीं थी, उन्होंने वो हक अदा किया जो लहु के रिश्ते भी नहीं करते। सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ के तकाजों को पूरा किया है। अपनी ताकत का सही इस्तेमाल किया है। एक सवाल के जबाव में कहा कि सदस्य तो हम लोकसभा के भी थे। वह भी ऐसे हालात में जब सरकार और पुलिस प्रशासन ने नंगा नाच किया हो। लेकिन, क्या हुआ सिर्फ हमारी लीड कम रह गई। आजाद हिंदुस्तान का यह इकलौता इतिहास है कि सांसद रहते हुए रहने के लिए हमें एक आवास तक नहीं दिया गया। विधानसभा हमारे लिए कोई नई जगह नहीं है। हम जाएंगे और जरूर जाएंगे, क्योंकि हमें जनता ने दसवीं बार चुना है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव से जुड़े एक सवाल के जबाव में बोले कि नाराज होने के लिए कोई आधार होना चाहिए। हम तो खुद ही निराधार हैं। बच्चों के हाथ में कलम देने का मिशन हमारा आज भी जिंदा है। यदि यूनिवर्सिटी की इमारतों पर बुलडोजर चला भी दिए जाएंगे, तो खंडहर, बनी हुई इमारतों से ज्यादा इतिहास बनेंगे और हमारी कहानी और किस्से इतिहास में सुनाए जाएंगे। कहा कि हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। हमारे लिए सपा और दूसरे दलों के नेताओं ने जो किया वह कोई कम नहीं था।
मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू के आवास पर पहुंचे आजम
सपा नेता आजम खां अपने मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू के आवास पर पहुंच गए। उन्होंने उनके परिजनों से मुलाकात की। बच्चों को गले लगाया। फसाहत अली खां शानू जब जेल में बंद थे, तो उनके पिता का निधन हो गया था। साथ ही उनकी मां की तबियत खराब चल रही है। आजम खां ने उनकी मां का भी हालचाल जाना।