7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डाकिये ने नहीं पहुंचाई थी चिट्ठी, अब लगा एक लाख चालीस हजार रूपए का जुर्माना

Highlights ग्रामीण ने उपभोक्ता फोरम में दर्ज करवाई थी शिकायत नौकरी का कॉल लेटर जानबूझकर लौटा दिया था फोरम ने शिकायत को माना सही

2 min read
Google source verification
dakiya.jpg

रामपुर: जनपद के पोस्टमैन को समय पर चिट्ठी न पहुंचाने पर उपभोक्ता फोरम ने 1 लाख चालीस हजार का जुर्माना लगाया है। जिसके बाद डाक महकमे में हड़कंप मच गया है।

कालेज में मुस्लिम छात्र से कहा- तुझे यहां नहीं पाकिस्तान में एडमिशन लेना चाहिए, उसके बाद ये किया, देखें वीडियो

ये है मामला

ये मामला थाना शहजादनगर के ककरौआ गांव निवासी रामपाल से जुड़ा है। वह होम्योपैथी विभाग में कर्मचारी हैं। वर्ष 2003 में उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में एक परिवाद दर्ज कराया था। जिसमें गांव के ही रहने वाले डाकिया भूकन सरन पर उनकी जरूरी चिट्ठी न पहुंचाने की शिकायत की थी। इसमें इस मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने डाक विभाग की सेवा में कमी मानते हुए जुर्माना लगाया था। इस आदेश के खिलाफ डाक कर्मचारी ने राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील की। राज्य उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अख्तर हुसैन खान ने अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अपील निचली फोरम के आदेश के साढ़े छह साल बाद की गई है। अपील की सुनवाई करने के लिए उचित और युक्तिसंगत आधार नहीं है। फोरम ने 1.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

यात्रीगण कृपया ध्यान दें, अगले दस दिन तक इस रूट पर नहीं दौड़ेंगी ये 25 जोड़ी ट्रेनें

कॉल लेटर नहीं पहुंचाया

यहां बता दें कि रामपाल ने वर्ष 2003 में कृषि विभाग में बाबू के पद पर नौकरी के लिए आवेदन किया था। उनका कॉल लेटर रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया, जिसे उनके गांव में ही रहने वाले डाकिये ने यह आपत्ति लगाकर वापस भेज दिया था कि इस नाम का कोई व्यक्ति गांव में नहीं है। पीड़ित के मुताबिक गांव में इस नाम के कई व्यक्ति रहते हैं। वोटर लिस्ट और शपथ पत्रों के माध्यम से इसकी पुष्टि भी हुई थी। दरअसल, डाक कर्मचारी ने द्वेष भावना के चलते उनकी चिट्ठी नहीं पहुंचाई।