बता दें कि दुनिया की बड़ी लाइब्रेरियों में से एक रजा लाइब्रेरी रामपुर में है। जहां आये दिन देश के ही नहीं दुनियां के आम सख्स से लेकर बड़ी सख्सियतें यहां आती रहती हैं और इस लाइब्रेरी की इमारत की नक्कासी व इमारत के भीतर बेहद अच्छे रख-रखाव में रखी पाडुलुपियों को देखते व पढ़ते हैं। हजारों साल पुराना इतिहास यहां रखा है। पुराने जमाने की हजारों चीजें जो बेहद बेशकीमती हैं, वो यहां पर रखी हैं। उन्हें बेहतर ढंग से रखने की कवायद भी हर साल की जाती है ताकि आने वाली नस्लें भी यहां आकर पुराने इतिहास और पुरानी चीजों को जान सके और समझ सके।
यह भी देखें: अमेठी में बनेगा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का आशियाना इस कड़ी में शनिवार को सचिव आईएस राहुल जैन ने तकरीबन सवा 2 घंटे रजा लाइब्रेरी की इमारत में बिताए। इस दौरान उन्होंने तमाम पुस्तकें पढ़ीं और पुरानी चीजों को देखा। साथ ही उन्होंने शेर की खाल पर लिखी रामायण को भी पढ़ा। इसके अलावा हजारों साल पुरानी पांडुलिपियों को उन्होंने देखा और आगे लंबे समय तक कैसे वह रखी जाएं, उनके रखरखाव को लेकर भी तमाम सारी वार्तालाप उन्होंने रामपुर के जिलाधिकारी एवं रजा लाइब्रेरी के डायरेक्टर आंजनेय कुमार सिंह से की।