
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
रामपुर। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा ने देशवासियों के मन में एक गहरा सवाल छोड़ दिया। जहां सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों को लोग तरह तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं तो वहीं किसान संगठन भी इन्हें अपने लोग मानने से इनकार कर रहे हैं। इस दौरान दिल्ली के आईटीओ में पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हुई झड़प में ट्रैक्टर पलटने से यूपी के रामपुर के रहने वाले युवक की मौत हो गई। जो कुछ महीने पहले ही गांव लौटा था। परिजनों का आरोप है कि युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है तो वहीं प्रशासन ने पोस्टमार्टम का हवाला देते हुए इसे हादसा बताया है।
दरअसल, रामपुर के डिब्बा गांव का रहने वाला 24 वर्षीय नवरीत सिंह की दो साल पहले शादी हुई थी। उसकी पत्नी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है। वह भी अपनी पत्नी के साथ ऑस्ट्रेलिया में ही रह रहा था। हालांकि वह परीक्षा पास नहीं कर सका। जिसके कारण उसे वापस गांव लौटना पड़ा। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले भी वह किसान आंदोलन में शामिल हुआ था। तीसरी बार अब वह किसान ट्रैक्टर रैली में शामिल होने आया था। परिजनों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। वह अपने रिश्तेदारों के घर जाने की बात कहकर निकला था।
उधर, परिजनों और प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि नवरीत की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। वहीं रामपुर जिला अधिकारी आंजनेय कुमार का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि नवरीत की मौत हेड इंजरी के कारण हुई है। उसके सिर में कोई बुलेट नहीं मिला है। मौत का कारण हादसा है। गोली लगने से मौत नहीं हुई है।
Published on:
27 Jan 2021 02:58 pm
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