चाकू कारोबारी शहजाद आलम बताते हैं कि अपराधी प्रवति के लोग इसका गलत इस्तेमाल करने लगे और दुनियां का सबसे पुराना हथियार चाकू को हिंसक प्रवृत्ति से जोड़कर देखा जाने लगा। इसके चलते नवाबों के समय से चली आ रही रामपुर की इस अद्भुत कला पर जंग लग गई। 90 के दशक में सरकार द्वारा इसे बैन कर दिया गया। हालांकि, प्रशासन ने दुनियां का सबसे बड़ा 20 फुट लंबा चाकू चौराह कि स्थापना कर उद्योग को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है।
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कारोबारी शहजाद आलम बताते हैं कि करीब 29 सालों से वे चाकू का कारोबार कर रहे है। इससे पहले उनके दादा और पिता जी इस कारोबार को करते थे। एक दौर में चाकू कारोबार में लगभग 5000 से अधिक कारीगर मौजूद थे। आज यह कारोबार करीब 2 से तीन कारीगर और दो दुकान में सिमट कर रह गया है। हालांकि, रामपुर में मौजूदा सरकार के रहते चाकू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए और रामपुरी चाकू (Rampuri Knife) को एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया गया।