
आजम खान ने फातिमा जबीं के समर्थन में लगातार भावुक अपीले कीं।
निकाय चुनाव के पहले चरण में जिन 37 जिलों में वोट पड़े हैं, उनमें रामपुर भी है। रामपुर नगर पालिका पर पूरे प्रदेश की निगाहें लगी हैं। इसकी वजह आजम खान हैं। आजम की वजह से इस सीट के नतीजों पर सभी की नजर रहेगी।
गलियों में घूमे आजम, क्या मिलेगा फल?
आजम खान ने रामपुर नगर पालिका में सपा के लिए जमकर प्रचार किया। वो पैदल मोहल्लों में घूमते नजर आए। इसकी वजह मौजूदा चेयरपर्सन और सपा प्रत्याशी फातिमा जबीं और उनके पति अजहर अहमद की आजम से नजदीकी हैं। अजहर तो आजम खान के साथ कई मुदकमों में नामजद हैं और जेल में भी रहे हैं।
फातिमा जबीं के लिए आजम खान प्रचार में उतरे तो माना गया कि अब सपा की राह आसान है। बीता चुनाव भी फातिमा जबीं ने आसानी से जीता था। हालांकि वोटिंग के बाद अब सारे समीकरण गड़बड़ाते दिख रहे हैं। इसकी वजह है कम मतदान।
रामपुर नगर पालिका में सबसे कम वोटिंग
रामपुर में सपा की फातिमा और भाजपा की मुसर्रत मुजीब में मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। हिन्दू बाहुल्य इलाकों में जहां भाजपा को जोर रहा तो आजम खान के प्रभाव वाले क्षेत्र में सपा का दबदबा दिखा। इस सबमें जो बात सपा को परेशान कर रही है, वो है मतदाताओं का कम उत्साह।
रामपुर जिले में 52.77 प्रतिशत मतदान हुआ है। ज्यादातर सीटों पर अच्छे वोट पड़े हैं लेकिन रामपुर नगर पालिका परिषद में सिर्फ 38.91 फीसदी वोट ही पड़े हैं।। सपा के प्रभाव वाले इलाकों में भी स्थिति ऐसी ही रही। आजम खान के मजबूत गढ़ में भी मतदान में कोई खास उछाल नहीं दिखा। सपा को इसका नुकसान होने का अंदेशा है। रामपुर विधानसभा उपचुनाव में भी कम वोट प्रतिशत का सीधा नुकसान सपा को हुआ था। ऐसे में फिर से सपा के लिए मुश्किल बन सकता है। खासतौर से अगर हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण बीजेपी की ओर हुआ तो सपा की राह मुश्किल हो सकती है।
आप प्रत्याशी नई दुल्हन के प्रदर्शन पर भी रहेगी नजर
रामपुर सीट महिला के लिए आरक्षित होने के बाद कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष मामून शाह खान ने सना खानम से शादी की। शादी के एक दिन बाद ही सना खानम ने आम आदमी पार्टी से पर्चा भर दिया। ऐसे में चुनाव में नई दुल्हन के नाम से मशहूर हुईं सना खानम का प्रदर्शन भी तय करेगा कि सपा का क्या होगा।
आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी सना खानम ने मजबूती से चुनाव लड़कर इस दफा रामपुर का मुकाबला त्रिकोणीय करने की कोशिश की है। उनके पति पुराने कांग्रेसी हैं। ऐसे में कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी का वोट भी उनको मिलने की उम्मीद है।
भाजपा को सना खानम से मुस्लिम वोटों में सेंधमारी की उम्मीद है। इस आधार पर वो अपनी जीत मानकर चल रहे हैं। वहीं सपा को उम्मीद है कि आजम खान के विरोध वाले वोट भाजपा को ना जाकर सना को चले गए हैं। ऐसे में उनको फायदा होगा। अब सना ने किसके ज्यादा वोट काटे हैं और वोटर्स ने किसे समर्थन दिया है। आजम खान के हाथ से चेयरमैनी निकलेगी या रहेगी, ये तो 13 मई को ही पता चलेगा।
Published on:
06 May 2023 11:11 am
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