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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं जिनके कार्यों की प्रशंसा ​जानिए उन “रानी मिस्त्री” की पूरी कहानी!

रानी मिस्त्री की कार्यकुशलता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है की उनकी मांग न सिर्फ आजकल सिमडेगा जिले में है, बल्कि राजधानी रांची समेत दूसरे बड़े शहरों में भी खूब हो रही है...

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rani mistri's photo from jharkhand

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रवि सिन्हा की स्पेशल रिपोर्ट...

(रांची): हमारे घर से लेकर बड़ी बड़ी गगनचुम्मी इमारतें बनाने वाले लोगों को हम सब हमेशा से राज मिस्त्री के तौर पर जानते रहे हैं। चाहे वो पुरुष हों या फिर महिलाएं, हम उन्हें राज मिस्त्री कहकर ही संबोधित करते हैं, लेकिन आजकल राज मिस्त्री का काम करने वाली महिलाओं को एक बेहद खूबसूरत नाम रानी मिस्त्री का दिया गया गया है। देखते ही देखते यह नाम हर किसी की जुबा पर चढ़ने लगा और यह राज मिस्त्री नया नाम रानी मिस्त्री पाकर रानी की तरह उत्साहित भी होने लगीं। उसका नतीजा यह हुआ है कि आज इन महिलाओं के हौसले बुलंद तो हो ही रहे हैं यह सामाजिक बंधनों और परंपरा से निकलकर खूबसूरत इमारतों की नीब रखने में भी खूब जुट रही हैं।

पीएम मोदी ने किया इस नाम का जिक्र

इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से बात कर रहे थे, तो उन्होंने खूंटी के लाभार्थियों से संवाद करते हुए खास तौर पर रानी मिस्त्री का जिक्र किया। लेकिन, सिमडेगा के उपायुक्त जटाशंकर चौधरी ने जब इस नाम की परिकल्पना की थी, तब उन्हें भी कहां पता था कि यह नाम इतना मशहूर हो जाएगा।

दरअसल, रानी मिस्त्री नाम उन्होंने उन महिलाओं को दिया है, जो राजमिस्त्री का काम करती हैं। पहले ये महिलाएं स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण के कार्य में जुटी और आज वो प्रधानमंत्री आवास योजना समेत कई नव निर्माण के कार्यों में अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं।

महिलाओं को दिया जा रहा रानी मिस्त्री बनने का प्रशिक्षण

रानी मिस्त्री की कार्यकुशलता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है की उनकी मांग न सिर्फ आजकल सिमडेगा जिले में है, बल्कि राजधानी रांची समेत दूसरे बड़े शहरों में भी खूब हो रही है। अभी हाल ही में शौचालय निर्माण के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों के लिए सिमडेगा के कुशल रानी मिस्त्रियों की गुमला, लोहरदगा, खूंटी और रांची जिले से भी मांग पहुंची है। इस बढ़ते मांग से उत्साहित सिमडेगा के उपायुक्त ने अब इन रानी मिस्त्रियों के लिए एक कदम और आगे बढ़ाया है। सिमडेगा जिले में अब बड़े पैमाने पर महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रानी मिस्त्री बनाया जा रहा है।

training center IMAGE CREDIT:

उपायुक्त ने न सिर्फ उन्हें एक सुन्दर और सम्मानजनक नाम दिया, बल्कि कौशल विकास के तहत उनके समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की है। यही नहीं, प्रशिक्षण पाने के बाद उन्हें सर्टिफिकेट और पहचान-पत्र भी दिया जा रहा है। राज्य में विकास योजनाओं के गति पकड़ने के कारण आजकल रानी मिस्त्री की डिमांड भी खूब है।

प्रशिक्षण लेती हुई महिलाएं IMAGE CREDIT:

अन्य जिलों के लिए प्रेरणा है यह मुहिम

जाहिर है, इन कामकाजी महिलाओं को रानी मिस्त्री का नाम देने की जटाशंकर चौधरी की यह मुहिम रंग तो ला चुकी है, इतिहास भी रचेगी और जिस तरह महिलाएं इसको लेकर आगे बढ़ रही हैं उससे नवनिर्माण की एक नई उर्जा का संचार भी होगा। समिडेगा जैसे जिले, जहां मानव तस्करी हमेशा से अभिशाप रहा हैं वहां अगर इस तरह महिलाओं के हौसले को उड़ान मिल रही है, तो निश्चित तौर राज्य के दूसरे जिले के लिए भी यह एक बेहतर उदाहरण हो सकता है।