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पत्थलगड़ी के मास्टर माइंड यूसुफ पूर्ति के घर छापेमारी,ग्रामीणों ने ऐसे किया भागने में सहयोग की पुलिस भी देखती रह गई

झारखंड के कई हिस्सों में हाल के कुछ महीनों में पत्थलगड़ी की घटनाएं लगातार हो रही है। पत्थलगड़ी के दौरान ग्रामीण अपने गांव में एक बड़ा झंडा गाड़ते है और संविधान की व्याख्या एक अलग अंदाज में कर रहे है...

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photos from jharkhand

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रवि सिन्हा की रिपोर्ट...

(रांची): झारखंड में खूंटी और सरायकेला-खरसावां जिले के दर्जनों गांवों में पत्थलगड़ी के मास्टर माइंड यूसुफ पूर्ति की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मंगलवार को साहसिक कदम उठाया, लेकिन पुलिस के आने की भनक मिल जाने के बाद यूसुफ मौके से फरार हो गया।


पत्थलगड़ी के नाम पर ग्रामीणों को भड़काने और देश-विरोधी हरकतों के आरोपी यूसुफ पूर्ति की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पहली बार उसके पैतृक गांव उदबुरु पहुंची। लेकिन यूसुफ की सुरक्षा में लगे पत्थलगड़ी के स्वयंसेवकों को इसकी भनक मिल गयी और उन ग्रामीणों ने घंटी बजाकर यूसुफ को अलर्ट कर दिया। घंटी की आवाज सुनकर पत्थलगड़ी का आरोपी यूसुफ मौके से फरार हो गया।

ऐसे किया सर्तक

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बताया गया है कि करीब 200 की संख्या में पुलिस कर्मी उदबुरु गांव पहुंचे। बताया गया है कि पुलिस को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि यूसुफ अपने गांव स्थित घर में छिपा है। सूचना पर पुलिस ने छापेमारी कार्रवाई की, लेकिन पेड़ में लटकी घंटी को बजाकर ग्रामीणों ने उसे सतर्क कर दिया और वह मौके से भागने में सफल रहा। पुलिस को यूसुफ के घर से कई कागजात और पर्चे मिले है, जिसमें संविधान की आड़ में लोगों को भड़काने की कोशिश की गयी है।


विवाद पैदा न हो इसलिए पीछे हटी पुलिस

इधर, खूंटी के घाघरा गांव में भी आज पत्थलगड़ी की गयी। पत्थलगड़ी को रोकने गये जवानों को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा और करीब 500 की संख्या में घाघरा गये जवानों को वापस लौटना पड़ा।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आमने-सामने की स्थिति उत्पन्न हो, इस कारण पुलिस जवान पीछे हट गए और घाघरा गांव से लौटने के क्रम में आगे-आगे पुलिस जवान और पीछे-पीछे पत्थलगड़ी समर्थक नजर आये।

गौरतलब है कि झारखंड के कई हिस्सों में हाल के कुछ महीनों में पत्थलगड़ी की घटनाएं लगातार हो रही है। पत्थलगड़ी के दौरान ग्रामीण अपने गांव में एक बड़ा झंडा गाड़ते है और संविधान की व्याख्या एक अलग अंदाज में कर रहे है। सरकार की ओर से इस तरह से हो रही पत्थलगड़ी की घटना को असंवैधानिक करार दिया गया है और ऐसे मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।