रतलाम। गर्मी के अवकाश में बच्चों की पूरी मौज-मस्ती रहती है। समर कैम्प में डांस, खेल के अलावा कई आर्ट एंड क्राफ्ट का प्रशिक्षण भी दिया जाता रहा है। लेकिन इस बार बच्चों को कई समर कैम्पों में संस्कारों की शिक्षा दी गई। बच्चों को संस्कारित करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए गए। लगाए गए संस्कार शिक्षण शिविर में बच्चों को धार्मिक, नैतिक, भौतिक शिक्षा के साथ संस्कारों का भी बीजारोपण किया गया।
संस्कार शिक्षा के विषय
संस्कार शिविरों में धार्मिक शिक्षण के साथ धर्म संस्कार को ग्रहण करते हुए नित्य देव दर्शन, पूजन, दान, माता-पिता व बड़ों का आदर करना, व्यसन आदि कई नियम को ग्रहण करते हुए जीवन जीने की कला, आत्मरक्षा, जीव दया, नृत्य, संगीत कला, नाट््य, गायन, धर्मानुसार सुरक्षा कवच, दान परंपरा अन्य जीवो की रक्षा करना, कराटे आदि के साथ बच्चों को खेल-खेल में धार्मिक पाठ याद करवाए गए।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी -
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के तीनों सेवा केंद्रों की ओर से समर कैम्प आयोजित किया गया। यहां नजरबाग में 47 और डोंगरे नगर में 70 बच्चों को संस्कार शिक्षा दी। केंद्र संचालिका सविता दीदी व सीमा दीदी ने अपने केन्द्रों पर मेडिटेशन, योगा, नैतिक मूल्य पर कहानियां, जीवन में लक्ष्य, रोज नजदीक के मंदिर में एक बार जाने सहित कई बातें समझाई।
जैन समाज-
जैनम बाल युवा संस्कार में 150 बच्चों को संस्कार शिक्षण करवाया। दिगंबर जैन महिला मंडल की अध्यक्ष निविता गंगवाल ने बताया कि ग्रीष्मकाल में पांच दिनी जैनम बाल युवा संस्कार शिक्षण शिविर में धर्म से लेकर प्रतिदिन के नियम बताए और आराध्य देव के बारे में बताया गया।
राजपूत समाज-
राजपूत नवयुवक मंडल न्यास अध्यक्ष राजेंद्रङ्क्षसह गोयल ने बताया कि महाराणा प्रताप जन्मोत्सव पर समाज के 60-70 बच्चों को प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया। तीन दिन परम्परागत साफा धारण करना, तलवार बाजी, खेलकूद स्पर्धाएं का आयोजन रखा गया ताकि संस्कारों के बारे में उन्हें जानकारी रहे।
अग्रवाल समाज -
पंचान अग्रवाल समाज धर्मशाला पर स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन की तर्ज पर डांस शिविर का आयोजन तो किया ही गया। वहीं नित्य जल्दी उठने, योग क्रिया की प्रेरणा दी गई। अग्रवाल युवा संगठन अध्यक्ष मितेश अग्रवाल ने बताया कि सात दिनी शिविर में 50 बच्चे शामिल हुए।