देश को देखना जरूरी देश पहले या हम, ये सोच सबसे पहले जरूरी है। चुनावी वर्ष में ये माना जाता है कि लोकलुभावन वाला बजट रहता है, लेकिन ये सरकार का आत्म विश्वास है कि उसने देशहित वाला बजट दिया है। हमको मेरा व तेरा की सोच से बाहर आकर देश की सोच को बढ़ाना होगा। महिलाओं, सेना, युवाओं के लिए बजट में काफी कुछ प्रावधान किया है।
– दर्शन गांधी, केट व्यापारी एसोसिएशन सरंक्षक
ड्यूटी कम करना जरूरी लंबे समय से सोना – चांदी कारोबारी चाहते है कि इंपोर्ट ड्यूटी को कम किया जाए, सरकार हर साल भरोसा देती है, लेकिन इस बार भी बजट में इसको लेकर प्रावधान नहीं किया है। जबकि इसी मांग को लेकर देशभर में 40 दिन की हड़ताल की थी। तब सरकार ने ये आश्वासन दिया था आगे के बजट में इसको लेकर प्रावधान करेंगे, लेकिन बजट में इस प्रकार का कुछ नहीं किया। उम्मीद है कि अंतरिम बजट में इसको लेकर कुछ किया जाए।
– अभिषेक सोनी, सदस्य, गोल्ड कारोबारी एसोसिएशन
कृषि संसाधन के दाम कम होना जरूरी देश की आय बढ़ाने के लिए कृषि को मजबूत करना जरूरी है, लेकिन देश में कृषि से जुड़े उत्पादन महंगे है। किसानों की आय बढ़ाने के दावे तब तक कमजोर है, जब तक इन संसाधन के दाम कम नहीं होंगे। दूसरी बात युवाओं की बात की है, कर्ज बगैर ब्याज के देने का दावा किया है, लेकिन बैंक में जाने पर युवाओं को चक्कर कटाए जाते है, इसकी जवाबदेही तय होना जरूरी है।
– राहुल पाल, जिलाध्यक्ष, अभा ग्राहक पंचायत
सिंगल विंडो प्रणाली हो इस समय सबसे बड़ी समस्या ई कामर्स की कारोबारियों के सामने है। एक कारोबार को शुरू करने के लिए अलग-अलग विंडो पर मंजूरी के लिए जाना होता है, जबकि गुजरात में ऐसा नहीं है। गुजरात की प्रणाली को मप्र में भी लागू करना चाहिए, जिससे उद्योग व कारोबार को बेहतर तरीके से संचालन किया जा सके। जहां तक शेष बजट की बात है, उम्मीद है कि अंतरिम बजट के बाद जुलाई में उन कमी को दूर किया जाएगा जो इस समय है।
– दीपक आसनानी, अध्यक्ष, केट व्यापारी एसोसिएशन
विश्व के पांच देश में पहुंचाना जरूरी एक तरफ हम देश की अर्थव्यवस्था किस तरह मजबूत हो, इसके उपाय की बात करते है, दूसरी तरफ छूट चाहते है, ये दो अलग-अलग विचारधारा नहीं चल सकती। हमको अपने देश को विश्व के टॉप 5 देश की अर्थव्यवस्था तक पहुंचाना है। ऐसे में ये जरूरी है कि हम 2047 तक मजबूत भारत को ध्यान में रखकर बनाए बजट का स्वागत करें।
– मनोज माहेश्वरी, प्रवक्ता भारत विकास परिषद