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रतलाम. दीपावली पर्व पर जिलेभर के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में माटी के दीपक बेचने वाले कुम्हारों तथा ग्रामीणों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। पत्रिका के आव्हान के बाद पहले नगर निगम ने शहर में माटी के दीपक बेचने वालों से शुल्क नहीं लेने का निर्णय नहीं लिया था। अब कलेक्टर ने समूचे जिले में इस आदेश को प्रभावी किया है। आइए, हम भी इस दीपावली माटी के दीपक से अपने घर-आंगन रोशन करने हाथ बढ़ाएं।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया
दीपावली का उजास फैलाने वाले माटी के दीपक बेचने के लिए शहर सहित कस्बा और गांव में आने वाले कुम्हार और ग्रामीण परिवार अब जिलेभर में बाजार शुल्क से मुक्त हो गए है। किसी भी कुम्हार और दीपक बेच रहे ग्रामीण परिवार को शुल्क नहीं देना पड़ेगा। धनतेरस पर कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि माटी के दीपक बेचने वालों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, साथ ही माटी के दीपक के उपयोग को प्रोत्साहित भी करें। इनसे किसी तरह का शुल्क न लें।
शहर में ठेकेदार ने दीपक बेचने वालों से नहीं लिया शुल्क
नगर निगम के उपायुक्त विकास सोलंकी ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में माटी के दीपक बेच रहे किसी भी ग्रामीण से ठेकेदार को शुल्क नहीं लेने के लिए कहा गया है। ठेले पर दीपक रखकर बेचने वाले ग्रामीणों को भी शुल्क से मुक्त कर रहे है, अगर कोई शुल्क की मांग करता है तो तत्काल निगम के अधिकारियों को सूचना दी जाए, उस पर कार्रवाई करेंगे।
पर्यावरण सुधार के लिए भी कलेक्टर का आव्हान
कलेक्टर रुचिका चौहान ने दीपक बेचने व बनाने वालों को शुल्क मुक्त करने के साथ ही नागरिकों से पर्यावरण सुधार के प्रति जागरूकता के लिए आगे आने का आव्हान किया है। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को कहा है कि वे माटी के दीपक के उपयोग को लेकर स्वैच्छिक संगठनों से भी मदद लेकर जागरूकता कार्य करें। माटी के परंपरागत दीपकों से त्योहार को रोशन करने के साथ ही इनकी बिक्री से जुड़े परिवारों की भी मदद होगी।
Published on:
26 Oct 2019 11:00 am
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