
Ratlam Collector
रतलाम. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री जनसुनवाई में आम व्यक्ति तब जाता है, जब निकम्मे अधिकारी आमजन की वाजिब आस को पूरा नहीं करते है। हैरानी की बात यह है कि कलेक्टर रतलाम भी आमजन के काम नगर निगम के अधिकारियों की मनमानी के चलते नहीं करवा पा रहे है। यह तब हो रहा है, जब नगर निगम के प्रशासक भी कलेक्टर रतलाम कुमार पुरुषोत्तम ही है।
आमजन की आस पूरी हो व समय पर सुनवाई हो, इसके लिए मुख्यमंत्री जनसुनवाई कार्यक्रम की शुरुआत हुई। जिले में ११ मई तक कुल 33 हजार से अधिक आवेदन आए, जिनमे से 1615 आवेदनों का अब तक निराकरण नहीं हुआ है, इसमे भी सबसे अधिक आवेदन 390 नगर निगम के लंबित है, जिनका निराकरण साहब भी नहीं करवा पाए है।
जनसुनवाई का आयोनज
हर मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक कलेक्टर कार्यालय सहित विभिन्न विभाग में जनसुनवाई का आयोनज होता है। इसमे सबसे अधिक शिकायतकर्ता कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साथ - साथ नगर निगम में आते है। नगर निगम सहित विभिन्न थानों व विभाग में जिनकी सुनवाई नहीं होती है, वे कलेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक की चौखट पर आते है।
कलेक्टर भी नहीं है खुश
जनसुनवाई के नगर निगम के लिए आई विभिन्न शिकायत में ३०९ मामले ऐसे है, जिनके निराकरण के नगर निगम के दावों से स्वयं कलेक्टर व नगर निगम प्रशासक कुमार पुरुषोत्तम भी खुश नहीं है। कलेक्टर ने इन आई हुई शिकायत के जब जवाब नगर निगम ने दिए तो उनको वापस असंतुष्ठ होकर लौटा दिया। बता दे कि नगर निगम में अब तक कुल 390 शिकायत लंबित है, इनमे से ही 309 के जवाब से कलेक्टर संतुष्ठ नहीं हुए।
इस प्रकार की है शिकायत
जो शिकायत लंबित है, उनमे सबसे अधिक नगर निगम व दूसरे नंबर पर सैलाना एसडीएम कार्यालय से जुड़ी है। नगर निगम की आई हुई शिकायत में से अधिकांश स्वच्छता, पेयजल संकट, गंदगी आदि से जुड़ी हुई है।
फैक्ट फाइल
कुल आवेदन 33389
निराकरण किया गया - 31774
जवाब से संतुष्ठ नहीं - 598
कुल लंबित शिकायत - 1615
लगातार प्रयास जारी
आमजन की समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाए, इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। आमजन को भरोसा दिलाते है हर समस्या के समाधान के लिए नगर निगम कार्रवाई कर रहा है।
- विकास सोलंकी, उपायुक्त नगर निगम
Published on:
13 May 2022 11:10 am
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