
मोदी सरकार का दिग्गज मंत्री बोला भाजपा आलोचना करने वाली नहीं मर्यादित पार्टी है
रतलाम। Madhya Pradesh BJP : मध्यप्रदेश में भले भाजपा सत्ता में नहीं हो, लेकिन संगठन चुनाव के पहले ही नेताओं में आपसी घमासान शुरू हो गया है। हाल ही में निर्वाचन कार्यक्रम के लिए नियुक्त एमआईसी सदस्य प्रेम उपाध्याय के नाम पर जिले के ही पदाधिकारियों ने आपत्ति कर ली है। इस आपत्ति में इस बात का उल्लेख है कि उपाध्याय पार्टी से बागी होकर चुनाव लडे़ थे, इसके बाद भी उनको महत्वपूर्ण जिम्मेदारी क्यों दी गई है। इसको लेकर दो अलग-अलग पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुए है। पत्र जारी होने के बाद आरोप - प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
बता दे कि भाजपा में हाल ही में संगठन चुनाव 2019 के लिए कार्यकर्ता बनाने का अभियान पूरा हुआ है। अब अक्टूबर माह में निर्वाचन होना है। इसके लिए जबलपुर के विजय गोटिया को रतलाम में संगठन चुनाव के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है। संगठन चुनाव के पूर्व ही भाजपा में दो पत्र वायरल हुए है। एक पत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के नाम है तो दूसरा पत्र गोटिया के नाम पर लिखा हुआ है। इस पत्र में निर्वाचन अधिकारियों में कुछ ही लोगों को शामिल करने व उपाध्याय के नाम का विरोध किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष को लिखे गए पत्र में किसी के हस्ताक्षर नहीं है, लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम के पत्र में पदाधिकारियों के हस्ताक्षर है।
इनके है हस्ताक्षर पत्र में
लिखे गए पत्र में पार्टी के पदाधिकारी पूर्व जिलाध्यक्ष KAANSINH CHOUHAN, जिला उपाध्यक्ष बलवंत भाटी व विष्णु त्रिपाठी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सोनू यादव, नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष दिनेश पोरवाल, जिला सहकारिता बैंक के पूर्व अध्यक्ष अशोक चोटाला, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामस्वरुप गुर्जर सहित अन्य पदाधिकारियों के हस्ताक्षर है। अलग - अलग पत्र में मनमाने तरीके से नियुक्ति किए जाने की बात की गई है। बता दे कि प्रदेश अध्यक्ष सिंह को लिखे पत्र में किसी भी पदाधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है, लेकिन इस पत्र में उपाध्याय के नाम पर आपत्ति है, जबकि जिस दूसरे पत्र में नेताओं के हस्ताक्षर है, उसमे उपाध्याय का नाम नहीं है।
कुछ नहीं कहना
किसी ने पत्र लिखा है, ये जानकारी नहीं है। लिखा है तो ये उनका अधिकार है। मुझे पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है, मैं उसको निभाउंगा।
- प्रेम उपाध्याय, निर्वाचन अधिकारी, भाजपा
पार्टी का आंतरिक मामला
ये पार्टी का आंतरिक मामला है। इस विषय को पार्टी के प्लेटफॉर्म पर उठाया जाएगा। किसी व्यक्ति का विरोध नहीं है, बल्कि व्यवस्था के तरीके से सिर्फ वरिष्ठ पदाधिकारियों को अवगत कराया।
- विष्णु त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष, भाजपा
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Updated on:
16 Sept 2019 11:58 am
Published on:
16 Sept 2019 11:31 am
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