मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया सेंट्रलाइज्ड कॉल सेंटर की क्षमता में काल चैनल्स की संख्या चार गुना बढ़ाकर 500 तक कर दी है। इससे अब अधिकतम 500 उपभोक्ता एक समय में कॉल लगा सकेंगे, उन्हें वेटिंग नहीं मिलेगा।
सर्वर की क्षमता भी बढ़ी
इसके अलावा सर्वर की क्षमता भी बढ़ाई गई है। साथ ही कॉल सेंटर को बिजली कर्मचारी व अधिकारियों के बीच तुरन्त सम्पर्क के लिए विशेष एप बनाकर जोड़ा गया है। इससे बिजली उपभोक्ताओं की दर्ज शिकायत अगले ही पल संबंधित कर्मचारी व अधिकारी को मोबाइल पर दिखेगी। इसके साथ ही उन्हें नोटिफिकेशन का एसएमएस भी प्राप्त होगा। इससे कार्य में अत्यंत तेजी आएगी, क्योंकि बिजली कर्मचारियों को कॉल सेंटर से दोबारा कॉल लगाने में लगने वाले समय की बचत होगी।
इसके अलावा सर्वर की क्षमता भी बढ़ाई गई है। साथ ही कॉल सेंटर को बिजली कर्मचारी व अधिकारियों के बीच तुरन्त सम्पर्क के लिए विशेष एप बनाकर जोड़ा गया है। इससे बिजली उपभोक्ताओं की दर्ज शिकायत अगले ही पल संबंधित कर्मचारी व अधिकारी को मोबाइल पर दिखेगी। इसके साथ ही उन्हें नोटिफिकेशन का एसएमएस भी प्राप्त होगा। इससे कार्य में अत्यंत तेजी आएगी, क्योंकि बिजली कर्मचारियों को कॉल सेंटर से दोबारा कॉल लगाने में लगने वाले समय की बचत होगी।
नोटिफिकेशन की सुविधा नोटिफिकेशन की सुविधा होने से, सर्वर की क्षमता बढ़ाने, कॉल चैनल्स संख्या चार गुना बढ़ानेे और कॉल बैक की सुविधा देने से अब कॉल सेंटर की सुविधाओं को अत्याधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है।
रतलाम में सबसे कम रतलाम में सबसे कम शिकायत काल सेंटर पर आने वाली शिकायतों में रतलाम शहर से सबसे कम होती है। दैनिक आंकड़ों को लेकर तुलना की जाए तो उज्जैन में औसत 200, रतलाम 50, देवास में 60 शिकायत दर्ज होती है। शीतकाल में आपूर्ति संबंधित आंकड़ा कम और, अप्रैल, मई, जून, जुलाई में अपेक्षाकृत अधिक होता है। मंदसौर, नीमच में दैनिक शिकायत 25/30 होती है, लेकिन वहां रतलाम शहर की तुलना में बिजली उपभोक्ता पचास फीसदी भी नहीं है।