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EOW की दो जिलों के अधिकारियों के घर पर छापेमारी, आय से अधिक संपत्ति होने के मामले में कार्रवाई

EOW raids: मध्य प्रदेश के धार और रतलाम में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। इंदौर से आई ईओडब्ल्यू टीम ने दो अधिकारियों के घर पर छापेमारी की है।

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रतलाम

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Akash Dewani

Jan 27, 2025

EOW raids the house of officials in dhar and ratlam

EOW raids: मध्य प्रदेश में आय से अधिक संपत्ति के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। EOW ने आज सोमवार सुबह रतलाम और धार में नगर निगम के अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। रतलाम में नगर निगम के पूर्व उपायुक्त और वर्तमान में लेखाधिकारी विकास सोलंकी के घर पर ईओडब्ल्यू की टीम पहुंची है। वहीं, धार में रिंगनोद में विकास सोलंकी के पिता और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक नंदकिशोर सोलंकी के घर पर भी EOW की टीम ने दबिश दी है।

प्रबंधक नंदकिशोर सोलंकी के यहां पर सुबह करीब 6 बजे से ईओडब्ल्यू की कार्रवाई जारी है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की जा रही है। फिलहाल, ईओडब्ल्यू की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

ये है पूरा मामला

वहीं, दूसरी तरफ ईओडब्ल्यू टीम ने रतलाम नगर निगम के पूर्व उपायुक्त विकास सोलंकी के घर पर सुबह चार बजे छापा मारा। यह कार्रवाई अभी तक जारी है। जानकारी के अनुसार, विकास सोलंकी से बंद कमरे में पूछ्ताछ की जा रही है। बता दें कि, विकास सोलंकी पर सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्री और स्टोर में खरीदी गडबड़ी, मेले के टेंडर में गड़बड़ी और संपत्ति कर प्रभारी रहते हुए गड़बड़ी के मामले में भी उनके खिलाफ शिकायत हो चुकी है। उन्हें कुछ समय पहले ही निगम आयुक्त के पद से हटाया गया था। सोलंकी को पद से हटाए जाने का मुख्य कारण सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्री में नाम आना था।

बीजेपी पार्षदों ने उठाया था मुद्दा

सिविक सेंटर फर्जी रजिस्ट्रेशन मामला बीजेपी पार्षदों ने उठाया था। निगम अधिकारियों ने भू-माफियाओं से मिलीभगत कर सिविक सेंटर के कई भूखंडों की कम कीमत पर रजिस्ट्री करा ली और एक दिन के अंदर ही नामांतरण करा लिया। इस मामले में नाम आने के बाद तत्कालीन कमिश्नर एपीएस गहरवार को निलंबित और डिप्टी कमिश्नर विकास सोलंकी को भी पद से हटा दिया गया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों ने राजस्व विभाग के अंतर्गत आने वाली सिविक सेंटर की 27 भूखंडों की रजिस्ट्री पुरानी दरों पर करवाई थी।

बता दें कि, इस मामले में लोकायुक्त उज्जैन पुलिस ने तत्कालीन निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार, उपायुक्त विकास सोलंकी, जिला पंजीयक कार्यालय के उप पंजीयक प्रसन्न गुप्ता सहित कुल 36 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितता का मामला दर्ज किया था।