बता दे कि जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में रेलवे बार्ड के ट्रॉफिक सदस्य पीएस मिश्रा ने दिल्ली-रतलाम-मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण व उसकी रिपोर्ट के बाद ही ये मंजूरी दी गई है। 160 किमी की गति से दिल्ली से मुंबई के बीच का सफर 12 घंटे का हो जाएगा। रेलवे 2009-2010 से दिल्ली-मुंबई के बीच ट्रेन की गति बढ़ाने के लिए कयावद कर रहा है। जापान से आए दल ने दिल्ली मुंबई के बीच रतलाम से गोधरा तक के सेक्शन में कर्व को देखते हुए योजना को ये कहकर इंकार कर दिया था कि ये संभव ही नहीं है। इसके बाद केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद योजना को पंख देने के प्रयास हुए।
टैल्गो ट्रेन से हुआ ट्रायल जर्मनी से टैल्गो ट्रेन के डिब्बों को लाकर 2018 में पांच से छह बार जुलाई से लेकर सितंबर तक अलग-अलग बार स्पीड ट्रायल हुआ। इसके बाद रेलवे ने स्वयं के अधिकारियों पर भरोसा करने में अधिक रुचि ली। शुरुआत में रेलवे ने मुंबई से नागदा, नागदा से कोटा व नागदा से दिल्ली तक अलग-अलग चरण में स्पीड ट्रायल किया। दिल्ली-रतलाम-मुंबई के बीच ये ट्रायल हुआ। ट्रायल सफल हो गए तो बोर्ड के सदस्य ट्रॉफिक स्वयं ही मैदान में उतरे। रेलवे बोर्ड सदस्य मिश्रा ने चरण में रेलवे ट्रैक को देखा। रिपोर्ट के आधार पर ही रेलवे ने मुंबई रतलाम नई दिल्ली के बीच ट्रेन की अधिकतम स्पीड 120 किमी प्रतिघंटे को बढ़ाकर 160 करने को मंजूरी दे दी।
ये महत्वपूर्ण जानकारी
– 160 किमी की गति होने से सफर 15-16 घंटे के बजाए 12 घंटे में पूरा होगा।
– रेलवे मालढुलाई के लिए चलने वाली मालगाड़ी की गति भी बढ़ाएगा।
– यात्री से लेकर माल जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंचेंंगे।
– इसके लिए रेलवे करीब 4 हजार करोड़ रुपए का व्यय करेगा।
– 160 किमी की गति होने से सफर 15-16 घंटे के बजाए 12 घंटे में पूरा होगा।
– रेलवे मालढुलाई के लिए चलने वाली मालगाड़ी की गति भी बढ़ाएगा।
– यात्री से लेकर माल जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंचेंंगे।
– इसके लिए रेलवे करीब 4 हजार करोड़ रुपए का व्यय करेगा।
– इस राशि से मंडल के कर्व को समाप्त करने पर कार्य होगा।
– अगले तीन से चार वर्ष में ये गति बढ़ जाएगी। – 4 हजार करोड़ में करीब 60 प्रतिशत राशि रतलाम मंडल में व्यय होगी।
– अगले तीन से चार वर्ष में ये गति बढ़ जाएगी। – 4 हजार करोड़ में करीब 60 प्रतिशत राशि रतलाम मंडल में व्यय होगी।