scriptएमपी में सैकड़ों कश्मीरी युवक पहुंचते है यहां दुल्हा बनने, वर्षो से चल रही परंपरा | Hundreds of Kashmiri youth arrive in MP to become brides here | Patrika News

एमपी में सैकड़ों कश्मीरी युवक पहुंचते है यहां दुल्हा बनने, वर्षो से चल रही परंपरा

locationरतलामPublished: Oct 18, 2019 10:56:13 am

Submitted by:

Ashish Pathak

प्रतिवर्ष सैकड़ों कश्मीरी युवक मध्यप्रदेश के रतलाम में दुल्हा बनने आते है। इसके लिए बकायदा इनका पंजीयन होता है व नंबर लॉटरी सिस्टम से आता है। लॉटरी में सिर्फ 14 कश्मीरी युवकों को दुल्हा बनने का अवसर मिलता है। यह परंपरा आज से नहीं बल्कि कई वर्षो से जारी है।

 Kashmiri youth arrive in MP

Kashmiri youth arrive in MP

रतलाम। (जावरा)। जब कश्मीर से धारा 370 हटी तो सोशल मीडिया पर ये जमकर चला कि अब कश्मीरी युवती से विवाह हो सकेगा, लेकिन इस बात की जानकारी कम लोगों को देश में होगी की प्रतिवर्ष सैकड़ों कश्मीरी युवक मध्यप्रदेश के रतलाम में दुल्हा बनने आते है। इसके लिए बकायदा इनका पंजीयन होता है व नंबर लॉटरी सिस्टम से आता है। लॉटरी में सिर्फ 14 कश्मीरी युवकों को दुल्हा बनने का अवसर मिलता है। यह परंपरा आज से नहीं बल्कि कई वर्षो से जारी है। पूरे देश में सिर्फ मध्यप्रदेश का रतलाम वो जिला है जहां कश्मीरी दुल्हा बनने पहुंचते है व लॉटरी की जाती है।
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विश्व प्रसिद्ध हुसैन टैकरी शरीफ पर हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले दस दिनी चेहल्लुम में इस बार जायरीनों की संख्या अचानक कम हो गई है। लगातार बारिश से फैली अव्यवस्थाओं ने जायरीनों को यहां आने से रोक दिया। दूल्हा बनने के लिए आने वाले कश्मीरी जायरी पिछले वर्ष के मुकाबले आधे भी नहीं आए। पिछले वर्ष करीब 500 लोगों ने यहां आमद दी थी लेकिन इस वर्ष गुरुवार तक केवल 135 कश्मीरियों का पंजीयन हुआ है। इतना ही नहीं इस एक भी विदेशी नहीं आया और स्थानीय जायरीन भी कम संख्या में पहुंचे हैं। वही पिछले साल कनाडा के तीन विदेशी मेहमान आए थे।
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 Kashmiri youth arrive in MP
सिर्फ 135 पहुंचे इस बार
कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद ये पहला आयोजन है। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि धारा 370 की सख्ती के चलते वहां से कम जायरीन चूल में दूल्हा बनने के लिए यहां आए हैं। इस बार गुरुवार की शाम तक केवल 135 काश्मीरी जायारीन ही पहुंचे थे, शुक्रवार शाम तक ये आंकड़ा बढ़कर करीब 150 तक पहुंचने की संभावना है। बड़ी बात यह है कि इस आयोजन में प्रतिवर्ष दुनिया के कई देश के लोग शामिल होते है, इस बार जब से कश्मीर से धारा 370 व 35A को हटाया गया, तब पहली बार कोई विदेशी नहीं पहुंचा है।
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कई प्रदेशों के जायरीन पहुंचे चेहल्लुम में

एफआरओ सेक्शन से मिली जानकारी अनुसार अब तक केवल देश के ही नागरिक यहां पहुंचे, विदेश से किसी भी नागरिक ने अब तक ऑनलाइन पंजीयन नहीं करवाया हैै। वहीं अब तक हुसैन टैकरी पर महाराष्ट्र, हैदराबाद, उत्तरप्रदेश, बिहार के साथ ही राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के कई जिलों के रहवासी हुसैन टैकरी पर पहुंचे है। मुख्य आयोजन से एक दिन पहले तक हुसैन टैकरी पर करीब 12 हजार लोग ही पहुंचे थे, ऐसे में शुक्रवार को मुख्य आयोजन है, सूत्रों की मानें तो इस बार यह आंकड़ा केवल 70 हजार तक पहुंच सकता है। चूल के ऊपर से गुजरने वाले पहले 14 जायरीनों को दूल्हा कहा जाता है। इसके चलते कश्मीर से आने वाले लोग इसमें बहुतायत से शामिल होते हैं। दूल्हों की संख्या अधिक होने पर लाटरी सिस्टम से तय किए जाते हैं।
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