
घर बैठे पति की चलती ट्रेन में बैठी पत्नी से गुफ्तगू भी करवाता है भारतीय रेलवे
आशीष पाठक @रतलाम. भारतीय रेलवे न सिर्फ यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का काम करता है, बल्कि उन समस्याओं का निवारण भी करता है, जो यात्रियों को प्लेटफार्म से लेकर यात्रा करने के दौरान तक कहीं भी आती है। रेलवे से जुड़ी किसी भी समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए रेल मंडल द्वारा जहां एक एप का संचालन किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ ट्वीटर का उपयोग भी यात्री रेलवे से जुड़ी समस्याओं की शिकायत करने में करते हैं, आश्चर्य की बात तो यह है कि रेलवे कई बार घर बैठे पति की बात ट्रेन में सफर कर रही पत्नी से करवाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ता है। ऐसा ही एक वाक्या ट्वीटर पर हुई शिकायत के बाद हुआ।
ढ़ाई हजार यात्रियों ने दर्ज कराई समस्याएं
रेल यात्रा के दौरान चलती ट्रेन से लेकर प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को अचानक कई प्रकार की समस्याएं आती है। ऐसे में यात्री रेलवे को ट्वीट करते है या रेल मदद एप पर अपनी समस्याओं से अवगत करवाते हैं। रेल मंडल की बात करें तो करीब ढ़ाई हजार से अधिक यात्रियों ने पूरे साल अब तक रेलवे से मदद मांगी। इसमे रेल मदद पर अधिक तो ट्वीटर पर कम यात्रियों ने समस्याएं बताई। बड़ी बात यह है कि दूध उपलब्ध करवाना, दवाओं से लेकर चिकित्सा मदद की बात तो पुरानी हो गई है, चलती ट्रेन में पत्नी की बात अपने पति से करवाने जैसे काम भी किए है।
हर समस्या पर यात्री करते हैं ट्वीट
भारतीय रेलवे ने 2014 - 2015 पर ट्वीटर पर अपनी पहचान बनाना शुरू किया था। जब इसकी शुरुआत हुई तो यात्रियों को बहुत अधिक इस बारे में तकनीकी झान नहीं था, लेकिन अब काकरोच भी ट्रेन में यात्रा के दौरान डिब्बे में नजर आ जाए तो यात्री ट्वीटर का उपपोग शिकायत करने में करते है। इतना ही नहीं, डिब्बे से लेकर शौचालय में गंदगी हो या एसी की समस्या, मोबाइल चार्जिंग पाइंट खराब हो या दरवाजा कमजोर हो, यात्री सजग होकर तुरंत ट्वीट करता है।
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रोचक भी होते है कई ट्वीट
रेल मंडल में कई बार रेल मदद या ट्वीट रोचक भी होते है। ट्वीटर सेल से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि एक बार मुंबई सेंट्रल - अमृतसर गोल्डन टेंपल मेल में महिला यात्री अपने बच्चों के साथ यात्रा कर रही थी। उनके मोबाइल पर बेट्री समाप्त होने की वजह से सूरत में बैठे पति उनसे बात नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में ट्वीट किया गया कि मेरी अपनी पत्नी से बात करवा दो। इसके बाद ट्रेन में ड्यूटी दे रहे वाणिज्य विभाग के टीटीई को फोन लगाया गया व महिला यात्री की उनके पति से बात करवाई गई।
इस तरह होता है काम
रेल मंडल में ट्वीटर हैंडल करने के लिए अलग-अलग सेल बने हुए है। 8 - 8 घंटे की तीन पाली में कर्मचारी काम करते है। इसमे जिन विभाग से जुड़ी समस्या का ट्वीट यात्री करते है, उस विभाग को इसकी जानकारी दी जाती है। इसी तरह का काम रेल मदद एप्लीकेशन पर होता है।
फैक्ट फाइल
माह - रेल मदद - ट्वीटर -कुल
जनवरी - 83 - 20 - 103
फरवरी - 94 - 78 - 172
मार्च - 109 - 102 - 211
अप्रेल - 77 - 27 - 104
मई - 24 - 03 - 27
जून - 66 - 25 - 91
जुलाई - 143 - 125 - 268
अगस्त - 152 - 183 - 335
सितंबर - 137 - 197 - 334
अक्टूबर - 166 - 198 - 364
नवंबर - 206 - 162 - 317
20 दिसंबर - 154 - 163 - 317
कुल - 1411 - 1283 - 2694
समस्याएं हल की जाती
रेल मंडल में रेल मदद व ट्वीट के माध्यम से यात्रियों की समस्याएं हल की जाती है। भारतीय रेल का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर यात्रा का अनुभव देना है।
-विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक
Published on:
26 Dec 2021 02:16 pm
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