रतलाम। विश्व विख्यात जन-जन की आस्था के केंद्र शहर के माणकचौक स्थित प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर और कालिका माता परिसर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर पर परम्परानुसार दीपोत्सव मनाया जाएगा। प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था और मंदिर पुजारियों ने आयोजन को भव्यता प्रदान करने की तैयारी शुरू कर दी है।
होगा अद्भूत शृंगार
शहर के माणकचौक मंदिर पर पुष्य नक्षत्र से माता के शृंगार में आने वाली धन राशि लेना शुरू कर दी जाएगी। मंदिर के संजय पुजारी ने बताया कि परम्परागत उत्सव मनेगा। पांच दिवसीय दीपोत्सव वैसे तो धनतेरस से भाईदूज तक मनाया जाता है, लेकिन इस साल दीपोत्सव के मध्य सूर्यग्रहण होने से दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया जाएगा। शहर के माणकचौक स्थित प्रसिद्ध प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर पर इस साल भी अद्भूत श्रृंगार होगा। प्रदेश सहित अन्य प्रांतों से भी बड़ी संख्या में भक्त श्रद्धालुओं की आस्थानुसार मां के शृंगार में नोट, स्वर्ण आभूषण आदि सामग्री भेंट कर किए जाने वाले शृंगार को निहारने पहुंचते हैं।
एसपी पहुंचे महालक्ष्मी मंदिर
महालक्ष्मी मंदिर पर दीपोत्सव को लेकर तैयारी का जायजा लेने के लिए एसपी अभिषेक तिवारी मय बल शनिवार शाम पहुंचे। एसपी ने मंदिर के संजय पुजारी से दीपोत्सव के दौरान की जाने वाली व्यवस्था की जानकारी ली। इसके बाद रजिस्टर भी देखा, जिसमें श्रद्धालुओं की ओर से आने वाली शृंगार राशि और स्वर्ण आभूषण की जानकारी अंकित की जाएगी। एडीशनल एसपी सुनिल पाटीदार, सीएसपी हेमंत चौहान, माणकचौक थाना प्रभारी अनुराग यादव उपस्थित थे।
1100 दीयों से जगमगाएगा मंदिर
श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर के दीपक पुजारी का कहना है कि दीपोत्सव के दौरान 21 अक्टूबर की सुबह सुबह 8.30 बजे भगवान का अभिषेक किया जाएगा। धनतेरस और दीपावली पर भगवान लक्ष्मीनारायण को सुबह और शाम आकर्षक नवीन पोषाख से नयनाभिराम शृंगार होगा। पूरे मंदिर को भक्त 1100 दीयों से सजाएंगे। आकर्षक विद्युतसज्जा होगी। दीपक पुजारी ने बताया कि 25 की सुबह 4.30 बजे ग्रहण के कारण मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। 4.42 से 6.30 बजे तक ग्रहण काल रहेगा। रात 9 बजे पुन: मंदिर को गोमूत्र और गंगाजल से शुद्ध कर पट खोलकर आरती की जाएगी। 25 को सूतक काल के दौरान भोजन निषेध माना गया है, 26 अक्टूबर को पड़वा मना सकते है।
इनका कहना
माणकचौक मंदिर को लेकर बिल्कुल प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्थाएं चल रही है, दूसरे कामों में व्यस्त होने के कारण हम देख नहीं पाए थे।
अनिता चौकटिया, तहसीलदार रतलाम शहर