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जाने महाकाल मंदिर की महिमा: खीर में ऐसे चमत्कार की निसंतान को मिलता है पुत्र का वरदान

जाने महाकाल मंदिर की महिमा: खीर में ऐसे चमत्कार की निसंतान को मिलता है पुत्र का वरदान

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जाने महाकाल मंदिर की महिमा: खीर में ऐसे चमत्कार की निसंतान को मिलता है पुत्र का वरदान

रतलाम-धराड़। धराड़ महाकाल मंदिर पर सुबह शिवलिंग का आकर्षक रूप से श्रृंगार किया गया। जिसमें शिवलिंग को कई तरह के फूलों से और मोतियों से सजाया तो, करीब डेढ़ क्विंटल वजनी का पीतल का करीब 15 फीट ऊंचा त्रिशूल भी मंदिर में स्थापित किया। धराड़ के प्राचीन परमार कालीन महाकाल मंदिर पर 28 फरवरी से 7 दिवसीय 47 वॉ महारुद्र यज्ञ चल रहा था, जिसका समापन बुधवार को यज्ञ पूर्णाहुति के साथ हुआ। धराड़ महांकाल मंदिर पर दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। दोपहर 12 बजे गंगाजल कलश यात्रा निकाली गई जो कि गांव के ही तेजाजी मंदिर से जल कलश भरकर महिलाए नाचतीं गाती महाकाल मंदिर पर पर पहुंची। जहां गंगाजल कलश यात्रा का समापन हुआ। इसके बाद में बाबा महांकाल की आरती कर भक्तों ने भोजन प्रसादी प्राप्त की। साथ ही निसंतान दंपतियों को पुत्र प्राप्ति के लिए खीर का वितरण भी आचार्य चन्द्रशेखर जोशी द्वारा किया गया। करीब 200 महिलाओं को पुत्र प्राप्ति हेतु खीर पिलाई गई और 10,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने महाकाल बाबा के आकर्षक श्रृंगार का दर्शन कर अपना जीवन धन्य किया। इस दौरान आसपास के 1 दर्जन से अधिक ग्राम से आने वाले भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन कर प्रसादी ग्रहण की। ग्राम के रतनलाल पाटीदार के अनुसार करीब 6 हजार लोगों का भोजन बनाया गया था, जिसमें रात 7 बजे तक भोजन प्रसादी का कार्य चल रहा था ।

विरूपाक्ष महादेव मंदिर में उमड़ी आस्था, २० हजार नि:संतान महिलाओं ने ली खीर प्रसादी

रतलाम। जन जन की आस्था का केंद्र बन चुके बिलपांक स्थित प्राचीन विरूपाक्ष महादेव मंदिर पर बुधवार को हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ खीर प्रसादी ग्रहण करने के लिए उमड़ पड़ी। सुबह से देर रात तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध पहुंचकर भोलेनाथ के दर्शन वंदन कर प्रसादी लाभ लिया। प्राचीन मान्यताअनुसार देश-विदेश से आई नि:संतान २० हजार से अधिक महिलाओं ने हवन कुंड में तैयार खीर प्रसादी ग्रहण कर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद लिया।

इंदौर से आए रक्षा ने बताया कि विरूपाक्ष महादेव मंदिर पर संतान प्राप्ति के लिए खीर प्रसादी के बारे में कई सालों से सुन रखा था। इस साल मौका मिला इसलिए प्रसादी लेने आए है। रतलाम निवासी आनंद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पहुंचे थे। आनंद ने बताया कि खीर प्रसादी और भोलेनाथ की कृपा से संतान प्राप्त हुई, आज तुलादान करने आए थे। मंदिर समिति के अशोक पाटीदार ने बताया कि विरूपाक्ष महादेव मंदिर की दिन पर दिन ख्याती बढ़ती जा रही है। देश विदेश तक के श्रद्धालु आस्था लेकर मंदिर पहुंच रहे हैं और हर साल उनकी मनोकामना पूर्ण हो रही है। मंदिर परिसर में आम दर्शनार्थियों के लिए नुगदी और नि:संतान महिलाओं के लिए खीर प्रसादी का वितरण किया गया।

हर साल बड़ी रही भक्तों की संख्या

रमेश वैष्णोई ने बताया कि महाशिवरात्रि पर जहां १ लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन लाभ लिया था, वहां यज्ञ पूर्णाहुति पर ५० हजार से अधिक धर्मालु विरूपाक्ष के दर्शन वंदन के लिए पहुंचे। यहां संतान प्राप्ति के बाद तुलादान की भी परम्परा है, जिसका निर्वहन करने के लिए प्रदेश सहित अन्य राज्यों से १२०० बच्चों को लेकर माता-पिता मंदिर पहुंचे और अपनी-अपनी मान्यता अनुसार तुलादान कर प्रसादी का वितरण किया। इस पूरे कार्यक्रम में गांव के हर घर से सहयोग मिलता है और हर व्यक्ति सेवा के रूप में पूर्णाहुति तक तत्परता के साथ सेवा देता है। जिला और पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी से व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में बराबर सहयोग किया, जिससे भक्तों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।