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स्वच्छता परीक्षा में मंदसौर का गिरा प्रदर्शन देश में 51 तो प्रदेश में मिला 15वां स्थान

गत वर्ष देश में 32वें व प्रदेश में थे 9वें नंबर पर, थ्री स्टॉर रैङ्क्षटग के साथ ओडीएफ प्लस प्लस भी मिला

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स्वच्छता परीक्षा में मंदसौर का गिरा प्रदर्शन देश में 51 तो प्रदेश में मिला 15वां स्थान

स्वच्छता परीक्षा में मंदसौर का गिरा प्रदर्शन देश में 51 तो प्रदेश में मिला 15वां स्थान

मंदसौर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के नतीजे गुरुवार को दिल्ली में जारी हुए। रैङ्क्षकग के लिहाज से पिछले साल की अपेक्षा इस बार स्वच्छता की परीक्षा में मंदसौर का प्रदर्शन गिरा और रैङ्क्षकग में गिरावट आई लेकिन अलग-अलग मापदंडों में देखे तो मंदसौर का प्रदर्शन में सुधार हुआ है। ऐसे में मंदसौर शहर में सफाई का स्तर सुधरा है या गिरा है इसमें भी असमंजस हो गया है। 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मंदसौर टॉप 100 में बना हुआ है और 51वें नंबर पर आया है लेकिन पिछले साल 32वें नंबर पर था। इस बार टॉप 50 से मंदसौर बाहर हो गया है। वही प्रादेशिक स्तर पर टॉप 10 में मंदसौर था और 9वें नंबर पर था लेकिन इस बार इससे बाहर होकर 15वें नंबर पर पहुंच गया है। हालांकि नपा के अधिकारी दावा कर रहे है कि रैङ्क्षकग में सुधार होगा दिल्ली स्तर पर प्रदर्शन के लिहाज से बात कर रहे है। इसमें सुधार की संभावना है। लेकिन गुरुवार को जारी रैङ्क्षकग के अनुसार मंदसौर में स्वच्छता की रैङ्क्षकग में गिरावट आई है।


स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के गुरुवार को दिल्ली में घोषित हुए नतीजों में मंदसौर के लिए निराशा वाले रहे। इस बार रैङ्क्षकग गत वर्ष की अपेक्षा नीचे गिर गई। जबकि दूसरा पक्ष देखा जाए तो मंदसौर नगर पालिका पिछले साल की तरह इस बार भी थ्री स्टॉर रेङ्क्षटग लेकर ओडीएफ प्लस प्लस लेकर आई है तो अलग-अलग पैरामीटर पर मिलने वाले नंबर में भी पिछले साल की अपेक्षा सुधार आया है फिर भी रैङ्क्षकग नीचे गिर गई। देश में जहां पिछले साल 32वें नंबर पर थे तो इस बार 51वें नंबर पर आए है वहीं प्रदेश में पिछले साल 9वें नंबर पर थे तो इस बार 15वें नंबर पर आए है। वहीं पैरामीटर देखे तो सार्वजनिक शौचालय की सफाई में शतप्रतिशत व कचरा संग्र्रहण में 97 प्रतिशत, कचरा पृथकीकरण में 63, वेस्ट पृथकीकरण में शतप्रतिशत रहवासी क्षेत्र में सफाई में 97 प्रतिशत तो बाजार क्षेत्र में सफाई के लिए 91 प्रतिशत के अलावा वॉटर बॉडी सफाई में शतप्रतिशत अंक मंदसौर नपा को मिले है। इस हिसाब से रैङ्क्षकग में सुधार होना था लेकिन रैङ्क्षकग इस बार गिर गई।


शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए रैंङ्क्षकग के पैरामीटर
स्वच्छता सर्वेक्षण में साफ और गंदगी मुक्त शहरों को रैंङ्क्षकग तय करने के लिए कई पैरामीटर इस्तेमाल किए जाते हैं। इसमें घर-घर कूड़ा इकठ्ठा करने से लेकर प्लास्टिक वाले कचरे का मैनेजमेंट तक शामिल है। इस बार मैनहोल को श्मशीन ***** में बदलने पर जोर देते हुए सफाईमित्र सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई थी। इसके लिए दोगुने अंक बढ़ाए गए थे। वेस्ट टू वंडर पार्क का नया पैरामीटर भी जोड़ा गया था। जिन शहरों ने इस पैरामीटर को पूरा किया उसे नंबरों में 2 प्रतिशत वेटेज दिया गया। शहरों से निकले कूड़े का तकनीक की मदद से कितना और क्या उपयोग किया जा रहा है। इस पर 40 प्रतिशत वेटेज दिया गया। इसके अलावा रेड स्पॉट कॉमर्शियलध्रेसिडेंशियल एरिया में थूकने को भी एक नए पैरामीटर के रूप में जोड़ा गया था।
संभाग की नगर पालिका में मंदसौर अव्वल
स्वच्छता सर्वेक्षण की घोषित हुए परिणामों में मंदसौर भले ही गत वर्ष की तुलना में पिछड़ गया हो और प्रदर्शन खराब रहा हो लेकिन नपा फिर भी इसे बेहतर मान रही है। इसकी वजह इस बार पिछले साल से अधिक शहरों में सर्वेक्षण से यह रैङ्क्षकग आई है और थ्री स्टॉर से लेकर ओडीएफ प्लस प्लस मिला है। संभाग की नगर पालिका में मंदसौर का प्रदर्शन बेहतर है और मंदसौर संभाग में अव्वल रहा है। राज्य स्तर पर दतिया, खरगोन व सीहोर के बाद मंदसौर चौथे नंबर पर है। 1 लाख से अधिक आबादी वाले साफ शहरों में 100 शहरों में मंदसौर देश में शामिल है और 51वां स्थान हासिल किया है तो प्रदेश में 15 वा स्थान मिला है।