
मोबाइल गेम का चस्का ऐसा कि जान पर आ पड़ी,मोबाइल गेम का चस्का ऐसा कि जान पर आ पड़ी,मोबाइल गेम का चस्का ऐसा कि जान पर आ पड़ी,मोबाइल गेम का चस्का ऐसा कि जान पर आ पड़ी,मोबाइल गेम का चस्का ऐसा कि जान पर आ पड़ी
रतलाम। बच्चों में मोबाइल फोन पर गेम खेलने की ऐसी लत लग गई है कि कई बार यह उनकी जान पर बन आती है। मोबाइल फोन पर ऐसे ही एक गेम ब्लू व्हेल गेम खेलने के दौरान उसके बताए निर्देशों का पालन करते हुए बच्चे अपनी जान दे रहे थे किंतु अब सामान्य गेम खेलने के लिए भी बच्चे दिवाने हैं। ऐसा ही एक नामली पुलिस थाना के गांव उसरगार में बुधवार की सुबह सामने आया जब बहन ने गेम खेलने के लिए एक किशोर को मोबाइल फोन नहीं दिया तो उसने फंदा लगाकर जान देने का प्रयास किया। फिलहाल किशोर जिला अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज किया जा रहा है। अभी उसकी हालत ठीक बताई जा रही है।
नामली पुलिस थाने के एसआई विनोद कटारा ने बताया कि यह घटना उसरगार गांव में बुधवार की सुबह करीब ११ बजे की है। गांव का सूरज पिता श्यामलाल बागरी को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कटारा ने बताया कि मोबाइल फोन पर गेम खेलने का यह माला है। सूरज अपनी बहन से इस बात पर विवाद कर रहा था कि उसे पहले मोबाइल फोन पर गेम खेलने दिया जाए। बहन राजी नहीं हुई और मोबाइल फोन उसे नहीं दिया। इतनी सी बात दोनों नाबालिग भाई बहनों में विवाद हो गया। इससे नाराज होकर उनके 15 वर्षीय 9 वीं कक्षा में पढऩे वाला सूरज घर के अंदर गया और उसने फंदा बनाकर उस पर लटकर जान देने का प्रयास किया।
इसी दौरान परिजनों को पता चला कि सूरज नाराज होकर घर के अंदर गया तो परिजन पीछे-पीछे पहुंचे और देखा कि सूरज फंदे पर लटक गया है तो उसे तुरंत ही उतारकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां उसे भर्ती करके इलाज किया जा रहा है। फिलहाल उसकी तबीयत ठीक बताई जा रही है। एसआई कटारा को सूचना मिलने पर वे भी मौके पर पहुंचे और परिजनों के बयान लेकर घटना के मुख्य वजह जानने में जुट गए हैं।
Published on:
10 Jun 2020 06:58 pm
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