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महिलाओं के फर्जी हस्ताक्षर कर समूह के बैंक खाते निकले रुपए

जावरा विकासखंड की कामलिया ग्राम पंचायत के चौकी गांव में सामने आया मामला, अब एक-दूसरे पर मढ़ रहे हैं आरोप

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महिलाओं के फर्जी हस्ताक्षर कर समूह के बैंक खाते निकले रुपए

महिलाओं के फर्जी हस्ताक्षर कर समूह के बैंक खाते निकले रुपए

रतलाम। जावरा जनपद पंचायत की कामलिया ग्राम पंचायत के गांव चौकी में एक स्वयं सहायता समूह के खाते से सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर रुपए निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। समूह की बैठक के ठहराव-प्रस्ताव में उन महिलाओं के हस्ताक्षर भी हैं जिनमें से एक जेल में बंद है तो दूसरी एक साल पहले ही मर चुकी है। अब समूह में बवाल मची हुई है और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।यह है मामला

गांव चौकी में संचालित सांवरिया स्वयं सहायता समूह की कुछ महिलाओं ने यह कारनामा कर दिया है। 10 महिलाओं के इस समूह में से एक महिला दो साल से जेल में बंद है और एक अन्य महिला की एक साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है। इसी बीच समूह की बैठक हुई और इसमें ठहराव-प्रस्ताव हुआ जिसमें दो लाख रुपए निकालने का प्रस्ताव पास हुआ। बैंक से बकायदा दो लाख रुपए निकाले भी गए। एक लाख समूह के साथ जुड़े अन्य समूह की महिलाओं को विधिवत बांटे गए जबकि एक लाख रुपए की अफरा-तफरी हो गई। जब मामला फूटा तो अब समूह की अध्यक्ष गुड्डी बाई ने थाने पर आवेदन दिया है। समूह की अध्यक्ष खुद स्वीकार कर रही है कि 50 हजार रुपए उनके पास है जबकि शेष 50 हजार रुपए उन्होंने बैंक सखी को जरुरत पडऩे पर दिए थे। ठहराव-प्रस्ताव में महिलाओं के हस्ताक्षर के मामले में दोनों ही एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ढोल रही है।--------------

हमारी बैंक सखी कविता जैन ने मुझे बोला कि मैंने आपका लोन कराया है। आप जाकर बैंक से पैसे लेकर आओ। जब मैं पैसे लेकर लौटी तो उन्होंने अपने परिवार में किसी की बीमारी का बहाना कर मुझसे कहा 50 हजार मुझे दे दो। मैंने उन्हें दे दिए मुझे दे दिए और बाकी के मैंने रख लिए। एक महिला सदस्य जेल में है और जो मर चुकी है उनके हस्ताक्षर भी उन्होंने ही किए थे।गुड्डीबाई, समूह अध्यक्ष

--------------मैंने किसी से कुछ भी पैसा नहीं लिया है। जो भी मुझ पर आरोप लगा रहे हैं वह पूरी तरह गलत है। आप इसकी जानकारी बैंक के सीसीटीवी कैमरे से ले सकते हैं। मैं केवल समूह में जाकर ठहराव-प्रस्ताव लिखने का काम करती हूं। जिन भी महिलाओं के हस्ताक्षर हुए हैं वह अध्यक्ष ने ही कराए हैं।

कविता जैन बैंक सखी---

गुड्डी भाई ने थाने में बैंक सखी के खिलाफ आवेदन दिया है। इस आवेदन को अभी जांच में लिया है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।वीडी जोशी प्रभारी रिंगनोद थाना

--मामला संज्ञान में आया

मामला संज्ञान में आया है। इस बारे में गुड्डीबाई और कवित जैन से भी चर्चा की है। 50 हजार रुपए की गड़़बड़ी आ रही है। हमने समझाया कि चाहे जो हो अध्यक्ष को ही यह राशि भरनी है। अभी मामला जांच में है।

नाथूलाल निनामा, ब्लाक समन्वयक एनआरएलएम

पानी के होद में गिरने से मासूम की मौत
घर के पास खेल रही दो साल की मासूम अंशिका पिता प्रेम डोडियार पानी के होद में डूबने से मौत हो गई। यह घटना सरवन थाने के बेड़दी गांव में बुधवार की दोपहर को हुआ। मासूम के दादा लक्ष्मण डोडियार ने बताया कि दोपहर के समय अंशिका घर के पास खेल रही थी। इसी दौरान वह पानी के होद के पास पहुंची और उसमें डूब गई। जानकारी लगने पर उसे होद से निकालकर बेड़दा ले जाया गया और फिर सरवन लेकर आए जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।

बिना पंजीयन के डॉक्टर ने किया मरीज का इलाज, सीएमएचओ ने लगाया जुर्माना
टीआईटी रोड पर क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टर ने बिना पंजीयन के ही मरीजों का इलाज किया। एक मरीज के परिजनों को इसका पता चला तो उन्होंने सीएमएचओ को शिकायत दी। शिकायत की जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर सीएमएचओ ने चिकित्सक पर दस हजार का जुर्माना लगाते हुए डॉक्टर के विरुद्ध मप्र आयुर्विज्ञान परिषद को पंजीयन निरस्त करने के लिए भी पत्र लिखने की बात कही है।

शहर के सुनील गांधी ने बताया कि उनकी माताजी मोहनबाई गांधी का उपचार डॉक्टर राजेश पाटनी से करवाया गया। डॉक्टर ने उपचार में लापरवाही बरती तो इसकी शिकायत सीएमएचओ कार्यालय में की गई। जांच दल ने मरीज मोहनबाई का उपचार डॉ. राजेश पाटनी से कराया जाना पाया गया। उपचार करने की अवधि में डॉ. राजेश पाटनी के क्लिनिक का नर्सिंग होम एक्ट अर्थात म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 व नियम 1997 के प्रावधानो के अनुसार जीवित पंजीयन नहीं पाया गया। इस आधार पर सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर ने निजी चिकित्सक डॉ. राजेश पाटनी पर दस हजार रुपए का जुर्माना अधिरोपित करने का आदेश जारी करते हुए चेतावनी दी कि भविष्य में इस प्रकार का कृत्य किए जाने पर डॉ. राजेश पाटनी के विरूद्व म.प्र. आयुर्विज्ञान परिषद को इनका पंजीयन निरस्तीकरण के लिए लिखा जाएगा।