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MP Election 2023 : भाजपा के तीन और कांग्रेस के 7 विधायकों को यहां से बनाया मंत्री, एक मुख्यमंत्री भी दिया इस जिले ने

जिले से अब तक दस विधायकों को ही मिल सका है प्रदेश मंत्रिमंडल में स्थान

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रतलाम जिला प्रदेश में अपना विशेष महत्व रखता है। यही वजह है कि प्रदेश में जब भी इंदौर, भोपाल या उज्जैन की चर्चा होती है तो रतलाम के नाम का जरुर उल्लेख होता है। रतलाम जिले की पांचों विधानसभा सीटों से भाजपा और कांग्रेस सरकार के दौरान प्रतिनिधित्व की बात आती है तो अब तक महज 10 विधायकों को ही मंत्रिमंडल में स्थान मिल सका है। इसमें भी सबसे ज्यादा समय तक जावरा विधानसभा से महेंद्रसिंह कालूखेड़ा और दूसरे नम्बर पर रतलाम शहर का प्रतिनिधित्व करने वाले हिम्मत कोठारी मंत्री रहे हैं।

हर विधानसभा क्षेत्र से बने मंत्री

जिले की इस समय पांच विधानसभा सीटें हैं। अच्छी बात यह रही कि कांग्रेस और भाजपा कार्यकाल में पांचों ही विधानसभा सीटों से अपने-अपने समय में अपनी पार्टी के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

सबसे ज्यादा रतलाम से

शहर सीट से जिले में सबसे ज्यादा मंत्री बने हैं। शहर सीट से तीन विधायकों को कांग्रेस और भाजपा सरकार के कार्यकाल में मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। इनमें कांग्रेस के समय में डॉ. देवीसिंह, डॉ. प्रेमसिंह राठौर और बाद में भाजपा शासन में हिम्मत कोठारी रहे हैं।

अन्य पदों पर ये रहे

मंत्रिमंडल से हटकर मंत्री का दर्जा प्राप्त मंडलों में भी जिले के नेताओं को स्थान मिल चुका है। इनमें शहर विधायक चेतन्य काश्यप को योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में जगह मिल चुकी है तो ईश्वरलाल पाटीदार को कृषक आयोग के अध्यक्ष के रूप में नवाजा जा चुका है। इस समय जावरा क्षेत्र से भरतदास बैरागी को योग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।

ये रह चुके जिले से मंत्री

विधायक मंत्रिमंडल में पद

- डॉ. देवीसिंह

उस समय की कांग्रेस सरकार में डॉ. देवीसिंह को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। यह उनका विधायक के रूप में दूसरा कार्यकाल था।

- डॉ. प्रेमसिंह राठौर

प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार में रतलाम के विधायक डॉ. राठौर को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। यह भी रतलाम से ही चुनाव जीते थे।

- प्रभुदयाल गेहलोत

कांग्रेस की 1969 की सरकार में सैलाना विधानसभा से चुने गए प्रभुदयाल गेहलोत को आदिम जाति मंत्री बनाया गया। 1990 में उन्हें स्थानीय शासन मंत्री बनाया गया।

- कुं. भारतसिंह

1985 में चुनाव जीतने के बाद 1985 में फिर से जावरा विधायक बने कुं. भारतसिंह को प्रदेश सरकार में गृहमंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

- हिम्मत कोठारी

1990 में भाजपा प्रदेश की सत्ता में आई तो उस समय हिम्मत कोठारी को लोनिवि मंत्री के रूप में शामिल किया गया। 2005 से 2008 तक भी मंत्री रहे।

- थावरचंद गेहलोत

भाजपा शासन काल में कुछ समय के लिए थावरचंद गेहलोत को प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। इस समय वे कर्नाटक के राज्यपाल हैं।

- महेंद्रसिंह कालूखेड़ा

1993 से 2003 तक लगातार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही और इस सरकार वे लगातार दोनों ही कार्यकाल में प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल रहे।

- मोतीलाल दवे

1998 में प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद रतलाम ग्रामीण के विधायक मोतीलाल दवे को दिग्विजयसिंह सरकार में धर्मस्व मंत्री के रूप में शामिल किया गया।

- धूलजी चौधरी

प्रदेश में 2003 में भाजपा की सरकार बनने के बाद उमा भारती मुख्यमंत्री बनी और फिर शिवराजसिंह चौहान ने कुछ समय के लिए धूलजी को भी मंत्री बनाया।

- मनोहर ऊंटवाल

मनोहर ऊंटवाल आलोट और आगर दोनों जगह से अलग-अलग समय में विधायक रहे हैं। उन्हें भी प्रदेश के मंत्रिमंडल में भाजपा सरकार ने मंत्री बनाया था।

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