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बिना हॉलमार्क के अब ज्वेलरी बेचना होगा मुश्किल

दिसंबर से कड़ाई से लागू होगा नया नियम, बिना हॉलमार्क के ज्वैलरी मिलने पर होगी कार्रवाई

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रतलाम. उपभोक्ताओं को शुद्ध सोने के आभूषण मिले इसके लिए सरकार ने एक दिसंबर से हॉलमार्क कानून लागू कर दिया है। इसके चलते अब सराफा कारोबारियों को बिना हॉलमार्क के सोने के आभूषण बचने में परेशानी होगी। क्योंकि अब बीआईएस कभी भी सराफा दुकानों का निरीक्षण कर हालमार्क की जांच कर सकेगी। इस दौरान अगर आपके यहां पर दो ग्राम से अधिक के आभूषण बिना हालमार्क के पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

ये दस्तावेज जरूरी
- दुकान के बाहर हॉलमार्क का लोगो डिस्प्ले होना चाहिए और उस पर यहां पर हॉलमार्क की ज्वेलरी मिलती हैं लिखा होना चाहिए।
- दुकान के अंदर आपका हॉलमार्क का लाइसेंस भली-भांति डिस्प्ले होना चाहिए उसमें विभिन्‍न जानकारी अंकित होना चाहिए |
- हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन / लाइसेंस की कॉपी होना चाहिए।
- हॉलमार्क लगवाने के लिए भेजते समय इश्यू वाउचर और हॉल मार्क वापस आता है तो उसका रिसीव वाउचर की फाइल मेंटेन रखे।

इन बातों का रखे ध्यान
सराफा कारोबारी कॉीर्ति बड़जात्या ने बताया कि जिन लोगों ने अपने स्‍्टाक का डिक्लेरेशन दे रखा है वह लोग ही पुरानी मोहर का उतना माल रख सकते हैं जिन लोगों ने डिक्लेरेशन नहीं दिया है वह लोग पुरानी मोहर का माल नहीं रख सकेंगे। उनका सारा स्टॉक एचयूआईडी वाला ही होना चाहिए। इसके साथ ही कौन सी एच यू आई डी आपने किस व्यापारी से खरीदी है और उसका क्या सबूत है नहीं तो यदि वह एचयूआईडी वाला माल फेल हो जाता है या अन्य कमी निकलती है तो आपकी ही जिम्मेवारी होगी क्‍योंकि वह माल आपके कब्जे से बरामद हुआ है, तो आपकी दुकान ब्लैक लिस्ट हो जाएगी ।

रतलाम सराफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विशाल डांगी ने कहा कि सरकार ने दो ग्राम से अधिक वजन वाली ज्वेलरी पर हालमार्क अनिवार्य किया है। दुकानदार 18,20,21 व 22 कैरेट का हालमार्क वाली ज्वेलरी बेच सकेंगे। किसी भी प्रकार की परेशानी से बचने के लिए कारोबारी अपने खातों व माल को तैयार कर लें। इसके साथ ही आवश्यक कागजात तैयार रखे।