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1000 दिन में भी अपने ही भवन से कब्जा नहीं हटवा पाई पुलिस

locationरतलामPublished: May 22, 2022 11:52:11 am

Submitted by:

Subodh Tripathi

दो विभाग ने जांच की, दोनों ने कहा, पुलिस करें कार्रवाई

1000 दिन में भी अपने ही भवन से कब्जा नहीं हटवा पाई पुलिस

1000 दिन में भी अपने ही भवन से कब्जा नहीं हटवा पाई पुलिस

रतलाम. किसी व्यक्ति के मकान, दुकान पर कोई कब्जा करता है तो वो पुलिस के पास जाता है। अगर पुलिस के ही भवन पर कब्जा हो जाए तो क्या हो। मामला जिले के आलोट का है, जहां विक्रमगढ़ में नंदवाना हाउस को एक नहीं बल्कि दो जांच के बाद पुलिस की प्रापर्टी सिद्ध हुआ उससे पुलिस ही कब्जा नहीं हटवा पा रही है। इस मामले में एक समाजसेवी ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की, शिकायत को एक हजार दिन से अधिक समय हो गया, लेकिन शिकायत का लेवल बढऩे के अलावा कुछ नहीं हो पा रहा है।


आलोट के सामाजिक कार्यकर्ता अरूण कुमार सेठिया ने 2018 में शिकायत की। सीएम हेल्पलाइन नंबर 5777198 में इसको दर्ज किया गया। इसमे बताया गा कि विक्रमगढ़ में नंदवाना हाउस पुलिस का भवन है व इस पर कब्जा अन्य का है। शिकायत की दो बार जांच की गई। हैरानी की बात यह है कि जिस भवन पर पुलिस ने पूर्व में 15 दिन में कब्जा हटवाने का नोटिस दिया, अब नए अधिकारी उसी मामले में रिकार्ड तलब करने की बात कह रहे है।


इन्होंने दी जांचकर रिपोर्ट
जांच की पहली रिपोर्ट 6 सितंबर 2018 को एसडीएम राजस्व आलोट ने दी। इसमे बताया गया कि शिकायत प्राप्त हुई है। मामले में आलोट लोकनिर्माण विभाग की पुस्तिका का अध्ययन करने का कहते हुए कहा अभिलेख अनुसार भवन पुलिस के स्वामित्व का है तो जांच कर रिपोर्ट तीन दिन में भेजे। जवाब में लोक निर्माण विभाग आलोट ने 27 दिसंबर 2019 को अपनी जांच रिपोर्ट सोपी। इसमे बताया गया कि नंदवाना हाउस पुलिस के स्वामित्व का ही है। पूर्व में भी इस मामले में जांच रिपोर्ट दी गई है।


नोटिस देकर भूला विभाग
इस पूरे मामले में बड़ी बात यह है कि तत्कालीन एसडीओपी आलोट ने २१ सितंबर २०१८ को उक्त भवन पर अतिक्रमण करने वालों के नाम एक नोटिस जारी किया। जारी नोटिस के अनुसार एक पखवाड़े में अतिक्रमण व कब्जा खाली करने को कहा गया। शंकरलाल नाम के व्यक्ति के नाम यह नोटिस जारी हुआ। नोटिस के दौरान ही शंकरलाल की मौत हो गई।


जवाब दे दिया गया है
मेरे पिता के नाम नोटिस आया था। 1982 में हमने यह आवास खरीदा है। इस बारे में जवाब दे दिया गया है। आगे भी जो निर्देश होंगे, उसका पालन किया जाएगा।
– देवेंद्र विशाल, नंदवाना हाउस, आलोट

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हम रिकार्ड की जांच कर रहे
पूरे मामले की जानकारी लगी है। हम रिकार्ड की जांच कर रहे है। जांच में हमारा भवन आने पर दावा लगाया जाएगा।
– प्रियंका धुर्वे, एसडीओपी आलोट

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