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अजब रेलवे के गजब ये DRM, आधी रात को फोन करके करते एेसे सवाल…

अजब रेलवे के गजब ये DRM, आधी रात को फोन करके करते एेसे सवाल...

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Railway Latest Hindi News

रतलाम। भारतीय रेलवे में अजब-गजब अनेक किस्से कहानियां है, लेकिन ने कहानी न है। ये मामला है पश्चिम रेलवे के रतलाम रेल मंडल का। यहां पर डीआरएम आरएन सुनकर कभी आधी रात को ट्रैक पर निगरानी के लिए निकल जाते है तो कभी अपने कर्मचारियों को फोन लगाते है।

असल में मध्यरात्रि को डीआरएम आरएन सुनकर ने जब मंडल में अलग-अलग पैट्रोलमैन को ड्यूटी पर है या न ये जानने के लिए फोन किए तो ये हालात बने। असल में उज्जैन, शुजालपुर, इंदौर, मेघनगर आदि सेक्शन में लगातार बारिश की वजह से वास्तविक हालात जानने के लिए डीआरएम सुनकर ने ये फोन किए थे।

आधी रात को आए मोबाइल


मंडल में कार्य करने वाले पैट्रोलमैन मदन, रमेश, संजीव, सुरेश आदि ने बताया कि रात को ११.३० बजे बाद से लेकर १ बजे तक ये फोन अलग-अलग साथियों के मोबाइल पर आए। कोई उज्जैन सेक्शन में ड्यूटी पर था तो कोई इंदौर सेक्शन में। कुछ मेघनगर तरफ थे तो कोई नागदा तरफ। सभी से डीआएम सुनकर ने ये ही सवाल किया कि ट्रैक पर ड्यूटी पर हो या कही और। ट्रैक पर पानी है या नहीं। कोई परेशानी तो न है। सुरक्षा उपकरण साथ में है या न। कुछ पैट्रोलमैन ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में बताया तो कुछ ने कहा कि ये तो न भरोसा कि डीआरएम हो, लेकिन कोई बडे़ अधिकारी हो सकते हो, ये मान लेते है।

परेशानी को लेकर भी हुए सवाल

इन पैट्रोलमैन ने बताया कि डीआरएम ने ये जानकारी ली कि किसी प्रकार की कोई परेशानी तो न है। यहां तक की अधिकारी का रवैया गलत तो न है। परिवार में सुख शंाति है। बच्चों की पढ़ाई के बारे में भी सवाल किए। इसके बाद सभी को एक जैसा कहा कि ट्रैक पर कार्य अधिक होशियारी से करना। यात्रियों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ न है।

पहले भी किए है इस तरह के कार्य

बता दे कि इसके पूर्व डीआरएम रात में ढ़ाई बजे बांगरोद ट्रैक पर चले गए थे। वहां पर ट्रैक पर कार्य करने वाले पैट्रोलमैन के साथ रात में ट्रैक पर घुमे थे। इसके बाद कर्मचारी को अपना परिचय दिया था। इतना ही न स्टेशन मास्टर को बोलकर पैट्रोलमैन के लिए चाय भी बनवाई थी। इसके अलावा अन्य दिनों में भी मंडल के अलग-अलग सेक्शन में देर रात औचक निरीक्षण डीआरएम कर चूके है।

ये काम का हिस्सा है हमारे

औचक निरीक्षण करना या फोन पर जानकारी लेना हमारे काम का हिस्सा है। जो सैकड़ों यात्रियों के लिए रातभर जागकर कार्य कर रहे है उनको ये पता होना चाहिए कि उनको डीआरएम भी उनकी तरह जाग रहा है। इसलिए फोन करता हूं।

- आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक