
कड़कड़ाती सर्दी में ट्रैक पर पहुंचे डीआरएम, बगैर मफलर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी से पूछा सर्दी नहीं लग रही क्या
- रतलाम से मोरवानी किया निरीक्षण, ढ़ाई किमी पैदल चले
रतलाम। रात के करीब डेढ़ बजे का समय। मौसम का पारा करीब ४ से ५ डिग्री सैल्सियस। मोरवानी से रतलाम का रेलवे ट्रैक का नजारा। सहयोगी के साथ पटरी-पटरी चल रहे डीआरएम को रात में पेट्रोलिंग करने वाले कर्मचारी मिले। पहला ही सवाल डागा, क्यों इतनी सर्दी है, मफलर क्यों नहीं पहने हो। कर्मचारी अपने डीआरएम को जानते
पहचान गए, जवाब दिया, सर घर पर रह गया। अगली बार से ध्यान रखेंगे। इसके बाद डीआरएम ने मोरवानी रेलवे स्टेशन सहित ट्रैक का आधीरात तक निरीक्षण किया। रात करीब १ बजे मोरवानी स्टेशन डीआरएम आरएन सुनकर व इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी पहुंचे। इसके बाद मोरवानी से मेघनगर सेक्शन में एक किमी तक चले। इसके बाद वापसी की व मोरवानी स्टेशन पहुंचे। यहां पर स्टेशन मास्टर पर स्टेशन मास्टर रामगोपाल लोढ़ी से सुरक्षा व संरक्षा से जुडे़ सवालात किए। सुरक्षा से जुडे़ दस्तावेज देखने के बाद संसाधन को देखा।
गेटमैन से लेकर ट्रैक तक मिले कर्मचारियों से
इसके बाद मोरवानी से रतलाम आ रहे रेलवे ट्रैक के गेट नंबर ७९ पर पदस्थ कर्मचारी कन्हैया कुमार से मिले। गेटमैन से सुरक्षा से जुडे़ सवाल किए। इस दौरान पिछले एक घंटे में कितनी ट्रेन निकली व गेट कितनी देर तक बंद रखे गए इससे जुडे़ दस्तावेज देखे। इसके बाद फिर पैदल चल दिए। रास्ते में पेट्रोलिंग कर रहे कर्मचारी हारु व नानू से मुलाकात हुई। दोनों के गले में मफलर नहीं था। इस पर डीआरएम ने इस बारे में सवाल किए। बाद में कर्मचारियों ने डीआरएम को बताया कि ड्यूटी का समय होने की वजह से पहनना रह गया। अगली बार ध्यान रखेंगे। दोनों कर्मचारियों से डीआरएम सुनकर ने सेफ्टी से जुडे़ सवालात करीब बीस मिनट तक किए।
सुरक्षा पर जताया संतोष
बाद में डीआरएम सुनकर ने पत्रिका को बताया कि औचक निरीक्षण किया गया था। संरक्षा व सुरक्षा की दृष्टि से इस प्रकार के निरीक्षण जरूरी होते है। इससे मैदानी अमले में कितनी सजगता है इस बारे में जानकारी मिल जाती है। स्टेशन हो या गेटमैन ड्यूटी के प्रति सचेत पाए गए। इसके अलावा पेट्रोलिंग कर्मचारियों को भी काम करते देखा। डीआरएम सुनकर ने बताया कि इस प्रकार के निरीक्षण जारी रहेंगे।
एंटी फॉग सिस्टम फेल, कोहरे ने रोकी ट्रेनों की गति
रतलाम। उत्तर भारत सहित देशभर में पड़ रही सर्दी व कोहरे ने ट्रेनों की गति पर तगड़ा असर डाला है। रेल मंडल मुख्यालय पर सोमवार को एक दर्जन से अधिक ट्रेन तय समय से काफी देरी से आई। कोहरा इतना था कि रेल चलाने वाले चालक को विजीबलिटी की समस्या आ रही थी। इंजन में लगाया गया एंटी फॉर्म प्रणाली भी सोमवार को फेल हो गई।
सुबह ८ बजे तक प्लेटफॉर्म नंबर चार पर दाहोद एंड से नागदा एंड का नजारा नहीं आ रहा था। यहां तक की जो मालगाड़ी व यात्री ट्रेन आ रही थी, उसको भी ५ से १० किमी की गति से लाया जा रहा था। सुबह ९ बजे बाद कोहरा हल्का साफ हुआ। इसके बाद ट्रेन की गति में तेजी आना शुरू हुई।
ये ट्रेन आई देरी से
कोहरे की वजह से मंडल मुख्यालय पर सोमवार को मुंबई दिल्ली राजधानी १२ मिनट, कलकत्ता अहमदबाद ३० मिनट, पुणा जयपुर २५ मिनट, सोमनाथ जबलपुर ३ घंटे २५ मिनट, बांद्रा उदयपुर २५ मिनट, उदयपुर बांद्रा ३५ मिनट, नाथद्वार ओखा ३० मिनट, गणगौर एक्सपे्रस २५ मिनट, अवंतिका एक्सपे्रस २५ मिनट, गोल्डन टेंपल १५ मिनट, नागदा रतलाम १५ मिनट, भीलवाड़ा रतलाम डेमू १ घंटे १० मिनट, भिंड रतलाम ५७ मिनट, ओखा गौरखपुर १ घंटे ५० मिनट, बड़ोदरा कोटा १ घंटे ५ मिनट, बांद्रा अजमेर २ घंटे ४२ मिनट, महू रतलाम डेमू १४ मिनट, गाजीपुर बांद्रा ४ घंटे १८ मिनट, वाराणसी अहमदाबाद १ घंटे ५१ मिनट, मथूरा रतलाम ४१ मिनट देरी से आई।
१५ फरवरी तक रहेगा कोहरा
रेलवे प्रवक्ता जेके जयंत ने बताया कि कोहरे में ट्रेन देरी से आती है। क्योकि रेलवे के लिए यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरी है। इसलिए ट्रेन को सुरक्षित गति से चलाया जाता है। रेलवे में १५ फरवरी तक का समय कोहरे का माना जाता है। इसलिए १५ फरवरी तक ट्रेनों की गति पर कोहरा हुआ तो असर पडेग़ा। इसलिए बेहतर ये है कि यात्री ट्रेनों को ऑनलाइन समय देखकर ही निकले।
Published on:
08 Jan 2019 05:25 pm
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