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VIDEO रतलाम मेंं बारिश: 1500 मकान टूटे, 4 हजार से अधिक लोगों का रेस्क्यू

Rainfall In Ratlam: 1500 Houses Broken, 4 Thousand People Saved : जिले में अतिवृष्टि का कहर जारी : मदद के लिए रतलाम से मंदसौर पहुंची एनडीआरएफ, जावरा क्षेत्र की 20 से अधिक सड़कें क्षतिग्रस्त, बिजली कंपनी को 10 लाख का नुकसान, चांदनी चौक में जर्जर मकान गिरा, बड़ा हादसा टला, ट्रॉसपोर्टरों को हो रहा 28 लाख का नुकसान, बारिश से बीएसएनएल की केबल पानी में बही

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Rainfall in Ratlam:

Rainfall in Ratlam:

रतलाम। Rainfall In Ratlam: 1500 Houses Broken, 4 Thousand People Saved : रतलाम शहर सहित जिले मेंं अतिवृष्टि का कहर जारी है। बीते 10 दिनों में लगातार बारिश ने हालात बदतर कर दिए है। करीब 1500 मकान क्षतिग्रस्त हो गए तो 4 हजार लोगों को बाढ़ और पानी के बीच से निकालकर राहत कैंपों व सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा। वहीं, बाहरी शहरों से माल नहीं आ रहा है तो सब्जी-भाजी भी महंगी हो गई है। बिजली से लेकर दूरसंचार विभाग की व्यवस्थाओं पर भी बारिश ने पानी फेर दिया है। जिले का ज्यादातर सरकारी अमला बचाव और राहत कार्यो में जुटा हुआ है। एक दर्जन स्थानों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जरिए रेस्क्यू किए गए है। रविवार को भी जिले में बारिश का दौर जारी रहा, हालांकि चंबल, शिप्रा सहित सहायक नदियों में जल स्तर कुछ कम हुआ है। अनुमान है कि अगले 48 घंटे के बाद भारी बारिश का दौर खत्म हो सकता है, फिलहाल 16 सितंबर को प्रशासन ने सभी स्कूल-आंगनवाड़ी में छुट्टी कर दी है।

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जिले में हुई बारिश के थमने के साथ ही अब तबाही का मंजर भी साफ होता नजर आ रहा है। बारिश थोड़ा थमने के बाद रतलाम से एनडीआरएफ की टीम को मदद के लिए मंदसौर भेज दिया गया है। लगातार बारिश के चलते जिले में करीब डेढ़ हजार मकानों को नुकसान पहुंचा है, वहीं चार हजार से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया गया है। वहीं बाजना और जावरा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए तालाबों की हुई मरम्मत। जिले में बाढ़ व अतिवृष्टि के चलते कुल २१ पशुओं की मौत हुई है। इनमें रतलाम शहर में एक, रतलाम ग्रामीण में चार, जावरा में तीन, सैलाना में सात सहित छह अन्य स्थानों पर हुई है। वहीं बात करे संपत्ति के नुकसान की तो रतलाम जिले में डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की नुकसानी हुई है। इसमें रतलाम शहर में 18 लाख 70 हजार, ग्रामीण में 14 लाख 50 हजार, जावरा 21 लाख 22 हजार, आलोट में 90 लाख 50 हजार और सैलाना में 10 लाख 59 हजार रुपए का नुकसानी का आंकड़ा जोड़ा गया है।

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चार हजार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

जिले में अतिवृष्टि के चलते पानी में घिरे चार हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें सैलाना व बाजना में 70 लोगों के साथ आलोट में 35 लोगों के साथ ही अन्य स्थानों से भी पुलिस-प्रशासन ने पानी में फंसे लोगों को बाहर निकाल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया है। बारिश के चलते रतलाम शहर में 238 मकान, ग्रामीण में 120, जावरा में 322, आलोट में 690, सैलाना विकासखंड में 140 मकान क्षतिग्रस्त हुए है। बारिश के चलते जावरा क्षेत्र में बीस प्रमुख सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है, जिनकी प्रारंभिक रूप से अस्थाई तौर पर मरम्मत की गई है। इसके साथ ही बाजना के बढ़ाखुर्द और जावरा के रुपानिया खाल तालाब की मरम्मत का काम भी पूरा हो चुका है। पिपलौदा में पुलिस ने बाढ़ में फंसे चार लोगों को बचाया है। प्रशासन ने बारिश व बाढ़ के हालात को देखते हुए सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए है। साथ ही लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर जाने की बात कही है।

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चांदनी चौक में जर्जर मकान गिरा, बड़ा हादसा टला

शहर के चांदनी चौक क्षेत्र में रविवार दोपहर एक जर्जर मकान अचानक से धराशायी हो गया। मकान के गिरने की सूचना मिलते ही पुलिस के साथ नगर निगम का अमला यहां पहुंचा। आस-पास के लोगों की माने तो कई वर्षों से जर्जर होने के कारण खाली पड़ा था। इसे गिराए जाने के लिए उनके द्वारा भी नगर निगम से कई बार कहा गया है लेकिन आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है। बाजार में स्थित यहा मकान लालचंद बम्बई वाले का है, जो कि इसके जर्जर होने से अलग स्थान पर निवास करते है। आस-पास के लोगों की माने तो बीते बीस वर्षों से यह मकान एेसा ही पड़ा था। कई बार नगर निगम को इसे गिराने के लिए सूचना भी दी लेकिन उसने आज तक नहीं सुनी। अब जब मकान अपने आप गिर गया है, तब जाकर निगम की टीम बचे हुए हिस्से को गिराने के लिए आई है। आमतौर पर भीड़ भरे चांदनी चौक क्षेत्र में मकान गिरने के दौरान किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है। इसके पीछे कारण शहर में लगातार बारिश होना और रविवार को बाजार का बंद होना रहा है, जिसके चलते बड़ा हादसा टल गया। यदि यह हादसा सोमवार या सप्ताह के किसी अन्य कारोबारी दिन में होता तो कई लोग इस हादसे का शिकार हो सकते थे।

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बिजली कंपनी को 10 लाख का नुकसान
बा रिश के चलते जावरा-आलोट क्षेत्र में बिजली कंपनी को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन दोनों क्षेत्रों में बारिश के दौरान करीब 40 बिजली के पोल गिर गए हैं व पांच ट्रॉसफॉर्मरों में पानी भर गया है। इससे प्रारंभिक आंकलन में 10 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है। बिजली कंपनी के जावरा डीई महेंद्र मैढ़ा के अनुसार जावरा क्षेत्र के गांव रियावन, ढोढर , रिंगनोद आदि एरिया में करीब 25 बिजली पोल गिरे हैं। शनिवार को 12-13 गांवों की बिजली सप्लाई बाधित हुई थी। बारिश कम होने से रिंगनोद एरिया के तीन गांवों को छोड़कर शेष गांवों में बिजली सप्लाई सुचारू कर दी है। बारिश रुकने के बाद पोलों को बदलने का कार्य किया जाएगा। आलोट एरिया के डीई नवीन ढोले के अनुसार आलोट क्षेत्र में 15 पोल गिरे है। ग्राम थूरिया में डीपी स्ट्रेक्टर गिर गया।

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ट्रॉसपोर्टरों को हो रहा 28 लाख का नुकसान
बा रिश के चलते ट्रॉसफोर्टरों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। उन्हेंं प्रतिदिन 28 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। हाल यह कि जो वाहन 13 से 14 घंटे में दिल्ली पहुंचने वाले वाहन 48 घंटे में पहुंच रहे हैं। बारिश के कारण उन्हें सात से आठ घंटे खड़े रहना पड़ रहा है। इसके साथ ही प्रतिदिन शहर में करीब 25 वाहन सामान लेकर के आते थे। उनकी संख्या वर्तमान में पांच से छह रह गई है। रतलाम ट्रॉसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन महासचिव प्रदीप छिपानी ने बताया कि हमें भाड़े के रूप में 20 से 25 लाख का प्रतिदिन नुकसान हो रहा है। लेबर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। 60 रुपए प्रति टन के मान से चार लाख रुपए की मजदूरी लोडिंग अनलोडिंग का भुगतान होता है। वाहन नहीं आने से परेशानी हो रही है। हमारी स्टालमेंट नहीं निकल पा रही है। खर्चे भी पूरे नहीं हो रहे हैं।

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बारिश से बीएसएनएल की केबल पानी में बही
लगातार बारिश का असर दूरसंचार सेवाओं पर जमकर हुआ है। सरकारी कंपनी बीएसएनएल की जिले में संचार सेवाएं अस्त - व्यस्त हो गई है। सैलाना दानपुर के बीच आंबाकुडी में कैबल बह गई है तो अनेक स्थान पर जनरेटर ने कमा करना बंद कर दिया है। इन सबसे ग्रामीण क्षेत्र में बीएसएनएल के मोबाइल की सेवाओं पर जमकर असर पड़ा है। कुल मिलाकर करीब 70 हजार उपभोक्ताओं के मोंबाइल फोन में नेटवर्क की समस्या आ खड़ी हुई है। जिले में करीब 160 बीएसएनएल के टॉवर है। इनके अलावा 15 अतिरिक्त टॉपर लगाने का कार्य बिते माह हुआ था। इसके अनुसार अब जिले में करीब 175 टॉवर है। इनमे से करीब 70 प्रतिशत याने की 100 से अधिक टॉवर ने काम करना बंद कर दिया है। अब बारिश रुकने का इंतजार किया जा रहा है।

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