
रंगों की उमंग का पर्व : राजस्थानी परंपरा के साथ रंग तेरस की शुरुआत, जमकर उड़ा रंग गुलाल
रतलाम. मध्य प्रदेश के रतलाम में बुधवार को उत्सव की परंपरा के पालन में कुमावत समाज ने सिलावटों का वास में दो दिवसीय पर्व की शुरुआत हुई। बुधवार को पहले दौर में रंग तेरस पर्व सांस्कृतिक उल्लास और सदभावना के साथ मनाया। आयोजन में बच्चे, बूढ़े और जवान महिलाएं, युवतियां आदि सभी ने रंगों से खेलते हुए सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक दूसरे को रंग लगाया है। हालांकि, कुमावत समाज द्वारा होली, धुलेंडी और रंग पंचमी भी मनाई जाती है किंतु राजस्थानी संस्कृति में कुमावत समाज के लिए रंग तेरस का भी खासा महत्व है।
रंग तेरस पर समाज के पदाधिकारी और वरिष्ठजन उन परिवारों में गए, जहां पिछले एक साल में निधन हुआ, वहां पर परिजनों को रंग डालकर उत्सव की गेर में शामिल किया गया। रंगों से खेलने वाले गेर के रूप में निकले। हालांकि कुमावत समाज का पुरा मोहल्ला है, जिसे सिलावटों का वास कहते हैं। वहां पर रंग तेरस की खुमारी दोपहर 12 बजे बाद से छाई हुई थी बच्चे सुबह से रंग लेकर घूम रहे थे। रंग खेलने के लिए पानी के ड्रम मकानों के आगे भरे हुए थे। दोपहर बाद रंग खेलने की उमंग शुरू हुई।
दूसरे दौर में होगा चंटिये का खेल
पहले दिन के उत्सव के दूसरे दौर में बुधवार रात को समाज के मंदिर के सामने ढोल की थाप पर युवाओं द्वारा चंटिये खेले जाएंगे। प्रसाद स्वरूप सेंव का वितरण भी किया जाएगा।
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Published on:
30 Mar 2022 05:03 pm
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