
riyawan lahsun gi tag
मध्यप्रदेश ने एक फिर से जीआई टैग हासिल करने में बाजी मारी है। पहले रतलामी सेव को ही जीआई टैग प्राप्त हुआ था। लेकिन अब रतलाम के पिपलौदा तहसील के रियावन गांव की लहसुन को भी जीआई टैग मिला था।एमपी में पहले ही एक जिला एक उत्पाद स्कीम चल रही है।जिसमें एक जिले का एक प्रोडक्ट है।
रियावन में लहसुन की खेती 20 से ज्यादा समय से हो रही है। पुराने समय से ही लहसुन की खेती का ट्रेंड इस गांव में चला आ रहा है। गांवों में लगभग 18000 हेक्टेयर में खेती हो रही है। इसका फायदा करीब 700 से अधिक किसानों को हो रहा है। किसानों की ओर से रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी बनाई गई है जिससे किसानों को बीज,दवाई,सलाह और मार्केटिंग में मदद मिल रही है।
जीआई टैग किसी भी प्रोडक्ट को एक अलग पहचान दिलाता है।जिससे की मार्केट में फैले नकली प्रोडक्टों से आप बच सकते हैं। जीआई टैग वाले प्रोडक्टस की डिमांड मार्केट में काफी रहती है। जीआई टैग की मदद से इसकी क्वालिटी को बेहतर तरीके से जाना जा सकता है। इसका दाम भी मार्केट में उपलब्ध नकी प्रोडक्टस से कहीं अधिक होता है।
रियावन लहसुन अपनी अधिक पैदावार के लिए प्रसिद्ध है। जीआई टैग मिलने की वजह इसका तीखा स्वाद, ज्यादा तेल और ज्यादा दिन तक स्टोर करने में मददगार है। इन्हीं विशेषताओं की वजह से रतलाम लहसुन उत्पादक में नं वन जिला बन गया है। एमपी सरकार भी इसे एक जिला एक प्रोडक्ट के तहत प्रमोट कर रही है।
Updated on:
05 Mar 2024 05:35 pm
Published on:
05 Mar 2024 05:34 pm
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