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डेढ़ सौ सचिवों पर धारा 92 का शिकंजा

जिला शिक्षा केंद्र से जारी राशि से निर्माण नहीं करके आर्थिक अनियमितता करने वालों पर होगी कार्रवाई।

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vikram ahirwar

Aug 20, 2016

PMT leader Sagar roses were given by 6 million

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रतलाम। स्कूल भवन सहित अन्य निर्माण कार्यों के लिए जिले से खाते में राशि आने के बाद आरहित कर जेब में रखने वाले करीब डेढ़ सौ सचिवों पर धारा 92 का शिकंजा कस गया है। जिले के अलग-अलग एसडीएम की कोर्ट में लगे इन प्रकरणों पर कार्रवाई तेजी से चल रही है और सबकुछ ठीकठाक रहा तो इस साल के अंत तक या तो इनसे वसूली हो जाएगी या फिर इन्हें जेल की हवा खाना पड़े सकती है।

कुछ विकासखंडों में सचिवों के खिलाफ जेल वारंट जारी होने की तैयारी हो गई है। जिला शिक्षा केंद्र के जिले के प्रभारी सहायक यंत्री एमए खान ने बताया जिले के पांच विकासखंडों में तो सरपंच और सचिवों के नाम, कार्य और राशि का मूल्यांकन हो चुका है। बाजना क्षेत्र के उपयंत्री का स्वास्थ्य खराब होने से वहां की पंचायतों की राशि और सरपंच-सचिवों की संख्या के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

लगभग दो करोड़राशि

जिला शिक्षा केंद्र से ग्राम पंचायत के खाते में स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष, बाउंड्रीवाल या शौचालय निर्माण के लिए अलग-अलग राशि जारी हुई। वर्ष 2010-11 में इनके निर्माण का जिम्मा सरपंच-सचिवों पर ही था। यह राशि करीब दो करोड़़ के आसपास पहुंच रही है। इस राशि से कुछ निर्माण तो हुए लेकिन जितना निर्माण हुआ उससे कई गुना ज्यादाराशि निकाली जा चुकी है। हालांकि कुछ सचिवों ने राशि सरकारी खजाने में राशि जमा करवा दी है लेकिन इनकी संख्या का आंकड़ा दहाई तक भी नहीं पहुंच रहा है।

यह है धारा 92

सरपंच और सचिवों द्वारा की गई आर्थिक अनियमितता की राशि की वसूली के लिए पंचायत अधिनियम की धारा 92 की कार्रवाई की जा रही है। चूंकि लगभग सारे सरपंच पूर्व हो चुके हैं इसलिए उन पर धारा 40 की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। ऐसी स्थिति में तत्कालीन सरपंच और सचिवों पर धारा 92 की कार्रवाई की जा रही है। इस पर 15 फीसदी चक्रवृद्धि ब्याज भी आरोपित किया गया है।


एसडीएम से हो रही कार्रवाई

जारी की गई राशि के बाद किए गए निर्माण व निकाली गई राशि का मूल्यांकन कर लिया गया है। एसडीएम के माध्यम से सभी डिफाल्टर सरपंच-सचिवों को धारा 92 का नोटिस भिजवाया गया है। कुछ जगह वारंट निकालने की तैयारी हो गई है जबकि कुछ जगह कार्रवाई चल रही है।
डॉ. राजेंद्र सक्सेना, प्रभारी डीपीसी

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