नोटबंदी के बाद सरकार ने जरूरतमंद तबके के लोगों को कैशलेस से जोडऩे के लिए एक और नई योजना पर काम शुरू कर दिया है। सरकार ने अब राशन दुकानों को पूरी तरह से कैशलेस बनाने की शुरुआत की है। अब नए वर्ष में जिले में करीब 411 दुकानों पर जाने वाले उपभोक्ताओं को राशन एटीएम, मोबाइल व स्वैप करने पर मिल सकेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को कैशलेस बनाने की तैयारी नए वर्ष से लागू कर दी गई है। जिले 411 राशन दुकानें है, जहां दो लाख 61 हजार परिवार सरकार द्वारा तय किए गए उचित मूल्य पर राशन ले रहे हैं। अब तक उपभोक्ताओं को एक रुपए किलो के गेहूं-चांवल लेने पर नकद रुपए देना पड़ते थे, लेकिन अब नए साल से उपभोक्ताओं को सरकार कैशलेस की तरफ ले जा रही है। इसके चलते सभी दुकानों पर स्वैप मशीन लगाने के आदेश भी जारी कर दिए है। उपभोक्ताओं को बैंक खाते से भुगतान करने के लिए मोबाइल भी बैंकों में पंजीकृत होगें, जिससे वह सीधे मोबाइल से भी भुगतान कर सकेंगे।