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प्रतिबंध के बाद भी ट्रेन की दाल में लग रहा तड़का

लंबी दूरी की ट्रेन में कैग की रिपोर्ट के बाद भी मंडल में जांच तक शुरू नहीं

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vikram ahirwar

Jul 27, 2017

Ratlam

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रतलाम। उज्जैन में करीब तीन वर्ष पूर्व रेलवे स्टेशन पर सिलेंडर फटने की घटना के बाद रेलवे ने भोजन निर्माण स्टेशन व ट्रेन में करने पर रोक लगाई। इसके बजाए बोर्ड ने पश्चिम रेलवे के रतलाम सहित अन्य स्टेशनों पर बेस किचन बनाने पर जोर दिया। तब से अब तक मिलीभगत का खेल एेसा कि न ट्रेन में खाना बनना रुका, न बेस किचन का निर्माण हुआ।

रेलवे ने उज्जैन की घटना के बाद तीन वर्ष पूर्व लंबी दूरी की किसी भी ट्रेन में पेंट्रीकार में निर्माण कार्य पर रोक लगाई। इसमें ये छूट जरूर दी कि यात्री को गर्म चाय, नाश्ता व भोजन मिले तो वे गर्म करके इसे दे सकते हैं। गैस का सिलेंडर नहीं उपयोग कर सकते, लेकिन अन्य संसाधन के उपयोग की छूट दी। रेलवे बोर्ड के माकेटिंग निदेशक पैसेंजर विक्रमसिंह ने आदेश में स्पष्ट लिखा था कि रेलवे बेस किचन निर्माण पर जोर देगी। इसके बाद रतलाम, इंदौर, उज्जैन, नागदा, चित्तौडग़ढ़ सहित अन्य रेलवे स्टेशनों के लिए बोर्ड से बेस किचन की अनुमति जारी हुई।


ये होता बेस किचन

रेलवे के बेस किचन में हाईजैनिक व पोष्टिकता वाले भोजन निर्माण पर जोर दिया गया। ये अलग बात है कि पैंट्रीकार की निविदा लेने वालों में इतनी शक्ति रही की उन्होने मंडल के किसी भी रेलवे स्टेशन पर अब तक बेस किचन निर्माण कार्य की शुरुआत ही नहीं होने दी। बेस किचन में बना भोजन अलग-अलग ट्रेन में यात्रियों के लिए चढ़ाया जाना योजना में शामिल था। इसके बाद पैंट्रीकार से ये यात्रियों को दिया जाता।

अभी ये है वास्तविकता

अभी वास्तविकता ये है कि रेलवे के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते मंडल मुख्यालय से निकलने वाली हर वो ट्रेन जिसमे पैंट्रीकार की सुविधा है, धड़ल्ले से भोजन से लेकर अन्य खाद्य व पेय पदार्थ का निर्माण होता है। इनमे गंदगी से लेकर सफाई न होना आदि की खबरे तो अब पुरानी हो गई है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में इसी बात को रेखांकित किया है कि अनुमति के बगैर निर्माण किस तरह से हो रहा है।


करते हैं कार्रवाई

मंडल में वाणिज्य विभाग दो तरह से कार्रवाई करता है। एक तो जब सोशल मीडिया से शिकायत मिलती है तब कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा प्रतिमाह अलग-अलग ट्र्रेन में वाणिज्य विभाग के निरीक्षक जांच का अभियान चलाते है। गड़बड़ी पाए जाने पर आर्थिक जुर्माने की पश्चिम रेलवे से सिफारिश की जाती है।

- जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल