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हादसों के कारण परिजनों में बना डर
रहवासियों का कहना है कि अगर प्रतापनगर अंडर ब्रिज बन जाता है तो कई हद तक जान-माल के साथ रहवासियों के समय और आवागमन में भी सुविधा होगी। अगर पता होता की यह रास्ता बंद हो जाएगा तो हम यहां आकर बसते ही नहीं। ब्रिज से उतरते चौराहे पर असामाजिक तत्वों से भी मुक्ति मिलेगी। वार्ड क्रमांक 29 प्रतापनगर क्षेत्र में करीब 5700 वोटर है तो सात-आठ हजार की आबादी वाले क्षेत्र के रहवासी एक-से-डेढ़ किमी ब्रिज से घुमकर आना-जाना करते हैंं। इस पर भी आए दिन हो हादसों के कारण परिजनों में डर बना रहता है। वीरेंद्र जोशी ने बताया कि हमने तो अब ब्रिज से जाना ही छोड़ दिया है। बायपास से जाते है पर इधर भी सड़कें खराब है और भक्तन की बावड़ी अंडर ब्रिज में भी जाम लगता रहता है। इसलिए अंडर ब्रिज की सुविधा मिली जाती है तो लोगों को राहत मिलेगी।
यह है प्रमुख समस्या
- क्षेत्र में बारिश के दौरान नाले का पानी सड़कों आ जाता है।
- ऊंचाई वाले क्षेत्र में पानी की परेशानी, तो नल आने के समय निश्चित नहीं।
- क्षेत्र में सुअरों के साथ ही कुत्तों की बड़ी परेशानी।
- चौराहे पर असामाजिक तत्वों के कारण रात-बेरात डर।
- कचरा गाड़ी दो-तीन दिन में एक बार आ रही है।
असामाजिक तत्वों का डर
प्रतापनगर बायपॉस चौराहे पर आए दिन असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहने के कारण लोगों को यहां आने जाने के दौरान डर सा लगा रहता है। रात्रि के दौरान ब्रिज से उतरते समय काफी परेशान रहते हैं।
कुत्तों और सुअरों से परेशान
अंडरब्रिज बनना चाहिए, जिससे काफी समस्या हल हो जाएगा। एक-डेढ़ किमी घुमकर शहर में जाना पड़ता, बॉयपास का रास्ता भी खराब हो चुका है। क्षेत्र में कुत्तों के अलावा अब सुअरों से भी काफी परेशानी होने लगी है। नगर निगम को चाहिए की इनकी भी व्यवस्था करे। कचरा गाड़ी दो-तीन दिन में आ रही है तो पानी कब आएगा कोई ठिकाना नहीं।
सचिन वर्मा, प्रतापनगर वासी
हर दिन लगता डर
बालिका स्कूल जाती है तो हर दिन डर बना रहता है, ब्रिज पर हादसे होने लगे हैं। अगर पुराने स्थान पर अंडर ब्रिज बन जाता है तो प्रतापनगर के रहवासियों को हादसों के अलावा कई काफी परेशानी से बचाया जा सकता है। अगर पहले पता होता की रास्ता बंद हो जाएगा तो हम यहां आकर बरसे ही क्यों।
जयंतीमाला जोशी, प्रतापनगर वासी
कॉलोनी के मध्य नाला बड़ी परेशानी
सबसे बड़ी परेशानी नाले से हैं, जिसकी मैने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की लेकिन निराकरण नहीं है। बारिश में पांच-छह फीट तक पानी घरों में चला आता हैै। यह हर साल की दिक्कत है। खाचरोद की तरफ से अन्य कॉलोनी में होता हुआ यह पानी प्रतापनगर के मध्य से निकलता है। इसलिए पानी की निकासी स्थान बदलना चाहिए।
रोहित राजोरा, प्रतापनगर वासी
Updated on:
22 Nov 2022 11:57 am
Published on:
22 Nov 2022 11:54 am
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