
patrika news
यह विचार आचार्य प्रवरश्री विजयराज महाराज ने चातुर्मासिक प्रवचन में बुधवार सुबह छोटू भाई की बगीची में देश के विभिन्न स्थानों से आए धर्मालुजनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बच्चों को बड़े संकेत देते है, तो सांसारियों को संतों की ओर से संकेत दिए जाते है। संकेत समझने वाला कभी उलझन में नहीं पड़ता, अपितु उलझी हुई बातों को भी सुलझा लेता है।
24 उपवास के प्रत्याख्यान लिए
शुरुआत में उपाध्यायश्री जितेश मुनि ने संबोधित किया। महासती इन्दुप्रभाश्री ने आचार्यश्री से 24 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। धर्मसभा में दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, गंगाशहर, ब्यावर, अजमेर आदि स्थानों से आए धर्मालुजन उपस्थित रहे। संचालन हर्षित कांठेड ने किया।
आज से शुरु गुरु सप्ताह महोत्सव
आचार्यश्री के 65वें जन्म दिवस एवं साधुश्रेष्ठ पारस मुनि तथा मुनिश्रेष्ठ प्रेममुनि के 58वे दीक्षा महोत्सव अन्तर्गत गुरु सप्ताह की शुरुआत 12 अक्टूबर को राष्ट्रीय जाप दिवस मनाकर की जाएगी।
सरलता, समता और सातविकता से परमपद पहुंंच जाएंगे
मुनिराज ने प्रवचन में कहा कि यदि मनुष्य भव में आपके जीवन में सरलता, समता और सातविकता आ गई तो आप अपने आप परमपद तक पहुंच जाएंगे। क्योकि उक्त स्थानों को पाने के लिए इन तीनों का होना बहुत आवश्यक है। प्रभु के जीवन में भी यहीं तीन गुण है। यदि यह हमारे भीतर आ जाएंगे तो हमारा भी कल्याण होगा। यह तब ही संभव है जब परमात्मा से हमारा लगाव रहे। मुनिराज ने कहा कि आज हम प्रभु को छोड़कर इधर-उधर भागते रहते है, जबकि हमे एक दिन भी प्रभु को नहीं छोड़ना चाहिए। उनके साथ से ही भव को पार कर सकते है। इसके विपरीत हम प्रभु से दूर होते है तब हमारी आंख से आंसू नहीं आते है, लेकिन पैसे और संबंधों के कारण हमारी आंखें भीग जाती है।
Published on:
11 Oct 2023 10:59 pm
बड़ी खबरें
View Allरतलाम
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
