महाराजश्री की निश्रा में 16 से 30 साल तक के युवक-युवतियों के लिए दो रविवारीय विशेष आयोजित हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि यदि जीवन में सफल होना है तो मुझसे नहीं होगा, मेरी किस्मत खराब है, मेरा मुड़ नहीं है, मेरे पास समय नहीं है, मुझे लोग क्या कहेंगे, इन पांच बातों को कचरे के डिब्बे में डाल दो।
वह हार नहीं मानती
चींटी भी अपने से कहीं गुना अधिक वजन लेकर चढ़ती है, वह हार नहीं मानती। वह दाना उठाती है, चलती है, ऊपर चढ़ती है और फिर गिरती लेकिन हार नहीं मानती है, तो हम क्यो थोड़े से में हार मान जाते है। दोपहर में रावण बनना आसान नहीं पर हुए प्रवचन में रामायण के पात्रों से मर्यादा सीखने पर जोर दिया।
बड़़ी संख्या में युवक-युवतियां उपस्थित रहे
दो रविवारीय शिविर के प्रथम लाभार्थी जैन श्वेताम्बर सोश्यल ग्रुप रॉयल परिवार रहा। जबकि द्वितीय शिविर का लाभार्थी जैन सोश्यल ग्रुप मैत्री परिवार रहेगा। श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेव केशरीमल जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी के तत्वावधान में आयोजित विशेष शिविर में बड़़ी संख्या में युवक-युवतियां उपस्थित रहे।