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रतलाम से बेहतर क्यों है खरगोन और सीहोर

- मुख्य सर्वेक्षण की शुरूआत के लिए अब महज 12 दिन की अवधि ही शेष रही

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रतलाम। स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में बेहतर करने का दावा करने वाले नगर निगम को प्रदेश सरकार के एक सर्वे ने आईना दिखा दिया है। कहने को तो अंकों में सुधार हुआ है लेकिन आंकड़ों में रतलाम प्रदेश के टॉप-5 स्वच्छ शहरों की सूची से कोसो दूर है। हमसे आगे खरगोन और सीहोर जैसे छोटे निकायों ने टॉप-3 की सूची में स्थान बना लिया है।

जबकि जबलपुर अपने नवाचारों के बल पर तीन अव्वल शहरों में शामिल हो गया है। अब महज 12 दिन के बाद मुख्य सर्वेक्षण की शुरूआत होने वाली है। ऐसे मेंं 'पत्रिकाÓ ने जाने प्री-सर्वे के तीन टॉप शहरों की तैयारियों की स्थिति और रतलाम शहर में इसका अंतर।
देशभर में 4 जनवरी से होने वाले स्वच्छता के मुख्य सर्वेक्षण से पहले प्रदेश की सरकार ने सभी 378 निकायों के बीच आंतरिक सर्वे किया है। इसके परिणाम जारी होने पर कई निकायों के दावे खोखले साबित हो गए। दरअसल, ज्यादातर निकाय प्री-सर्वे तक खुद को नई गाइड लाइन के अनुसार ढाल ही नहीं पाए है। रतलाम जैसे निकाय पर खरगोन और सीहोर की व्यवस्थाएं भारी पड़ रही है। वहीं, बड़े शहरों जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर के नवाचारों से मझले और छोटे निकाय कुछ ज्यादा सीख नहीं पाए है। जारी परिणामों में रतलाम शहर ने अंकों में सुधार किया है, लेकिन रैकिंग में ज्यादा हाथ नहीं लगा है। ऐसे में पत्रिका ने प्री-सर्वे के टॉप-3 शहरों से रतलाम की तुलना की। सामने आया कि संसाधनों की अधिकता के बावजूद रतलाम छोटे निकायों से कमतर निकला।

रतलाम का ओवर ऑल प्रदर्शन सुधरा लेकिन टॉप रैंक नहीं
- डाक्यूमैंटेशन में: 43 फीसदी अंक बेहतर नहीं
- सिटीजन फीडबैक: 57 फीसदी सुधार हुआ है
- मैदानी हकीकत: 32.66 फीसदी के साथ सुधार
- स्वच्छता एप: 49.16 फीसदी के साथ बढ़ोतरी

ये है टॉप-3 शहर
खरगोन: 3058 अंक हासिल किए, 88 प्रतिशत का सुधार
जबलपुर: 2793 अंक प्राप्त किए, 73.50 प्रतिशत का सुधार
सीहोर: 2745 अंक हासिल किए, 68.16 प्रतिशत का सुधार
रतलाम: 2160 अंक, प्राप्त किए, 32.14 प्रतिशत का सुधार

ये है टॉप शहरों से रतलाम की तुलना, दावा आगे फिर भी रहे पीछे
1. खरगोन: प्री-सर्वे में अव्वल शहर (फोटो, 2230)
- 33 वार्ड
- 17 हजार परिवार
- 350 सफाईकर्मी
- 23 कचरा संग्रहण वाहन
- 01 लाख 64 हजार 541
प्री-सर्वे: खरगोन नगर पालिका ने सर्वेक्षण 2017 में प्रदेश की नगर पालिकाओं में पहला स्थान पाया था। प्री-सर्वे में भी नगर पालिका ने 88 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज कराई है।
2. जबलपुर: प्री-सर्वे में दूसरा स्थान (फोटो, 2232)
- 79 वार्ड
- 83 हजार परिवार
- 2205 सफाईकर्मी
- 85 कचरा संग्रहण वाहन
- 10 लाख 55 हजार 525
प्री-सर्वे: जबलपुर नगर निगम ने प्री सर्वे में अपने तीन जोन में सबसे ज्यादा सुधार किया है। इसी का परिणाम है कि शहर को प्री सर्वे के तीनों ही प्रारूप में बढ़त मिली है।

3. सीहोर: प्री-सर्वे में तीसरा स्थान (फोटो, 2231)
- 35 वार्ड
- 21 हजार परिवार
- 255 सफाईकर्मी
- 10 कचरा संग्रहण वाहन
- 01 लाख 05 हजार 909
प्री-सर्वे: सीहोर नगर पालिका ने प्री-सर्वे में 73 प्रतिशत से ज्यादा गतिविधि सुधार किया है। हालांकि इसकी आबादी और संसाधन रतलाम शहर की तुलना में बेहद कम है।

4. रतलाम: प्री-सर्वे में टॉप-5 में नहीं (फोटो, 2233)
- 49 वार्ड
- 43 हजार परिवार
- 1055 सफाईकर्मी
- 49 कचरा संग्रहण वाहन
- 02 लाख 64 हजार 914
प्री-सर्वे: रतलाम में डाक्यूमैंटेशन को छोड़कर जनता के फीडबैक और मैदानी स्थिति में आंशिक सुधार किया है, लेकिन 1400 अंकों का प्रारूप शहर के अनुकूल नहीं रहा।

ये रहे रतलाम के कमजोर पक्ष, टॉप शहरों के लिए मजबूत
1. टॉप शहर: कचरा संग्रहण वाहनों को जीपीएस से अटैच कर हर वक्त का लोकेशन।
रतलाम में: फिलहाल यह प्रक्रिया कुछ ही वाहनों पर, लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रहा।
2. टॉप शहर: खरगोन में कचरा से खाद बन रही, डोर-टू-डोर कलेक्शन में बेहतर रहे।
रतलाम में: कचरा से खाद बनाने की प्रक्रिया जारी, कचरा कलेक्श में शिकायत ज्यादा।
3. टॉप शहर: लोगों में जागरूकता ज्यादा, स्वच्छता एप का उपयोग भी ज्यादा हो रहा।
रतलाम में: एप का उपयोग हो रहा है लेकिन हर इलाके में एक समान स्थिति नहीं है।
4. टॉप शहर: प्रचार में अपेक्षाकृत ज्यादा अंक मिले, दीवार लेखन मेंं भी ज्यादा प्रभावी।
रतलाम में: अब तक पार्षदों से सुझाव ही लिए जा रहे है, प्रचार का दौर भी कमजोर।

सीधी बात नगर निगम रतलाम आयुक्त एसके सिंह
पत्रिका: प्री-सर्वे में हम संभाग में तीसरे नंबर है, सुधार है क्या।
आयुक्त: बीते सर्वेक्षण की अपेक्षा प्री सर्वे में अंक सुधरे है, उम्मीद संभाग में टॉप की थी।
पत्रिका: मुख्य सर्वेक्षण में कम दिन शेष है, अब आगे क्या प्लान।
आयुक्त: हम रोजाना हर बिन्दु को बेहतर करने का प्रयास कर रहे है, और सुधार लाएंगे।
पत्रिका: मुख्य सर्वेक्षण से पहले प्री-सर्वे में कमजोरी का कारण।
आयुक्त: ज्यादा कुछ नहीं, जो प्लान बने है, उनको और प्रभावी तौर पर लागू करेंगे।
पत्रिका: शहर टॉप-5 में आने की उम्मीद कर सकता है क्या।
आयुक्त: हमारा कार्य बेहतर करना है, इसके बाद परिणाम सभी के सामने होंगे ही।