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गया में श्राद्ध करने के बाद जरूर ध्यान रखें यह बात, नहीं तो आती हैं बाधाएं, पढ़ें पूरी खबर

Pitru Shraddha gaya 2019ः श्राद्ध पक्ष में पितरों के किए तर्पण, पूजन करने से पितृ दोष खत्म हो जाता है। यह भी भ्रामक प्रचार किया जाता है कि कि गया में पूर्वजों का श्राद्ध करने के बाद कोई श्राद्ध करने की आवश्यकता नहीं रहती है। लेकिन, यह प्रचार गलत है। पढ़ें एक रिपोर्ट...।

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Pitru Shraddha gaya 2019

Pitru Shraddha gaya 2019

रतलाम। श्राद्ध पक्ष में पितरों के किए तर्पण, पूजन करने से पितृ दोष खत्म हो जाता है। यह भी भ्रामक प्रचार किया जाता है कि कि गया में पूर्वजों का श्राद्ध करने के बाद कोई श्राद्ध करने की आवश्यकता नहीं रहती है। लेकिन, यह प्रचार गलत है। पढ़ें एक रिपोर्ट...।

ज्योतिषाचार्य एवं पंडितों की माने तो यह विचार गलत है। गया में श्राद्ध के बाद पूर्वजों से दूर होने से नुकसान उठाना पड़ता है। गया में श्राद्ध करने के बाद भी घर में वार्षिक तथा पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध करना चाहिए।

जरूरतमन्दों को करें दान
श्राद्ध पक्ष में कोई खरीदारी न करें, पितृ पक्ष के दौरान सेवा समर्पण करना चाहिए, जरूरतमन्दों की सहायता दान-धर्म की और रुझान रखें, जहां तक संभव हो परिवार जन एक स्थान पर मिलकर ही श्राद्ध करें। श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन गाय, कुत्ते, कगवास (पक्षी) अतिथि और भिक्षुक को भोजन कराएं।


चतुर्दशी 12 और 13 सितंबर दोनों दिन रहेगी। 12 को सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.06 पर चतुर्दशी आरंभ हो रही हैं, जो 13 को सूर्योदय उपरांत प्रात: 7.36 तक रहेंगी। 2 दिन सूर्योदय में चतुर्दशी रहने से इस बार चतुर्दशी में वृद्धि हुई है। 12 को गणेश विसर्जन व 13 को श्राद्ध की पूर्णिमा रहेंगी।

पूर्णिमा का श्राद्ध 13 को ही मनाया जाएगा
ज्योतिषाचार्य संजय शिवशंकर दवे के मुताबिक 13 सितंबर को प्रात: 7.36 के उपरांत पूर्णिमा शुरू हो रही है। श्राद्ध के लिए मध्यान्ह में उपस्थिति तिथि का महत्व है। इसी कारण पूर्णिमा का श्राद्ध 13 को मनाया जाएगा, जाने-अनजाने भूलचूक तथा सर्व पितृ के लिए सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या को पितृ पूजन तर्पण श्राद्ध किया जाता है। 28 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या रहेगी। प्रथम बार पितरों को श्राद्ध तिथि में सम्मिलित करने से पहले श्राद्ध की पूर्णिमा पर सम्मिलित किया जाता है।


इस बार 16 श्राद्ध
13 पूर्णिमा का श्राद्ध
14 प्रतिपदा का श्राद्ध
15 द्वितीया का पार्वण श्राद्ध
16 द्वितीया का एकोदिष्ट श्राद्ध
17 तृतीया का श्राद्ध
18 चतुर्थी का श्राद्ध
19 पंचमी का श्राद्ध
20 षष्ठी का श्राद्ध
21 सप्तमी का श्राद्ध, श्री महालक्ष्मी व्रत पूर्ण
22 अष्टमी का श्राद्ध
23 नवमी एवं सौभाग्यवती का श्राद्ध
24 दशमी का श्राद्ध
25 इंदिरा एकादशी, एकादशी व सन्यासियों का श्राद्ध
26 प्रदोष व्रत, त्रयोदशी का श्राद्ध
27 शस्राग्निविषजल व दुर्घटना से मृतकों का श्राद्ध
28 शनैश्चर अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या, श्राद्धपक्ष समाप्त